राजस्थान

सुसाइड नोट में लिखा- विदेश में जो कमाया भाइयों ने हड़प लिया, मेरा जीवन तहस-नहस कर दिया

SANTOSI TANDI
27 Aug 2023 12:11 PM GMT
सुसाइड नोट में लिखा- विदेश में जो कमाया भाइयों ने हड़प लिया, मेरा जीवन तहस-नहस कर दिया
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राजस्थान:मेरे भाइयों और उनके परिवार की वजह से मेरा जीवन तहस-नहस हो गया है। 24 साल सऊदी अरब में रहकर जो पैसे कमाए भाइयों को भेज दिए। अपने वतन वापस आया तो भाइयों का रवैया बदल गया। मेरे साथ लड़ाई-झगड़ा करने लगे। मेरी जीवन भर की कमाई का 70% हड़प लिया। मुझसे मेरे बीवी-बच्चों की मायूसी अब देखी नहीं जाती। हर तरफ अंधेरा है। मौत के सिवाय कुछ नजर नहीं आ रहा है।'
55 साल के सलीम अहमद रंगरेज के सुसाइड नोट की ये चंद लाइनें उनका दर्द बयां करने के लिए काफी हैं। अपने मां-बाप, बीवी-बच्चों को छोड़ करीब 24 साल परदेस (जेद्दाह, सऊदी अरब) में नौकरी की। वहां से मोटी रकम भेजते रहे। यहां उनके भाई शब्बीर और इस्लाम पैसों को ठिकाने लगाते रहे। भारत लौटने पर सलीम अहमद और उनके परिवार को इतना परेशान किया कि उनके पास सुसाइड के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। सीकर में रविवार सुबह करीब 5 बजे अपनी जूते की दुकान में फंदा लगा लिया। हफ्ते दिन बाद ही सलीम की बेटी का निकाह था।
बिजनेसमैन सलीम के सुसाइड के बाद पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए।
बिजनेसमैन सलीम के सुसाइड के बाद पुलिस ने मौके से सबूत जुटाए।
जिस सलीम ने पूरे परिवार की खुशियों की खातिर अपना वतन छोड़ा। बीवी-बच्चों से दूर परदेस में रहे। अपने भाइयों व उनके परिवार के लिए सबकुछ किया। हर महीने पैसे और सोना भेजते रहे। जब वही शख्स भारत लौटा तो इन्हीं भाइयों (शब्बीर और इस्लाम) ने उनका जीना मुहाल कर दिया था। सलीम के बेटे मोहसिन रंगरेज (30) की जुबानी पूरी कहानी पढ़िए ...
जूते की दुकान में फंदे पर लटके मिले
मैं (मोहसिन रंगरेज) सीकर के कोतवाली इलाके के फतेहपुरी गेट का रहने वाला हूं। रविवार सुबह करीब 5 बजे मेरे पास बुआ के बेटे सिकंदर का फोन आया। उसने कहा- पिता (सलीम अहमद रंगरेज) कहां है? मैंने घर पर पता किया तो मां ने कहा कि ताऊ के यहां गए हैं। वहां भी नहीं मिले। हम लोग अपनी जूते की दुकान पर गए। पिता वहां मृत मिले। सुसाइड से पहले उन्होंने दुकान की टाइल्स और 2 पेज पर मरने की वजह लिखी है। इसके अलावा तीन वीडियो अपने समाज के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी शेयर किए हैं। वीडियो और सुसाइड नोट में मेरे दोनों चाचा (शब्बीर और इस्लाम) पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मौत का जिम्मेदार इन्हीं दोनों को बताया गया है।
सलीम अहमद रंगरेज अपनी इसी जूते की दुकान में फंदे से लटके मिले।
सलीम अहमद रंगरेज अपनी इसी जूते की दुकान में फंदे से लटके मिले।
पुलिस ने भी धमकाया
1992 से 2016 तक मेरे पिता (सलीम अहमद रंगरेज) सऊदी के जेद्दाह में नौकरी करते थे। 2017 में ही भारत वापस आए थे। चाचा शब्बीर और इस्लाम ने पहले तो पिता से पूरे पैसे ले लिए। जब पिता इंडिया लौटे तो एक साल बाद उनके साथ मारपीट की और धमकाना शुरू कर दिया। पिता को दोनों चाचा परेशान करने लगे। विमल नाम के पुलिसकर्मी के जरिए मुझे भी धमकी दिलवाई। साथ ही जावेद रंगरेज नाम के युवक ने जयपुर से जैक भी लगवाया। हमने मुकदमा भी दर्ज करवाया। उस पर एफआर लगवा दी।
हमें मुकदमों में उलझा दिया
मेरे भाइयों और उनके परिवार की वजह से मेरा जीवन तहस-नहस होकर बिखर गया। 24 साल सऊदी अरब में रहकर जो पैसे कमाए भाइयों को भेज दिए। उनमें लगा दिए। साऊदी से जैसे ही वापस आया तो इनका रुख बदल गया। सभी एकमत होकर लड़ाई झगड़ा, मार-पिटाई करने लगे। इनकी रोज-रोज मारपीट और दहशत से मेरा बेटा, उसकी पत्नी और चार बच्चे 2 साल पहले घर छोड़कर चले गए। हमें मुकदमों में उलझा दिया। हमारी रिपोर्ट पर पैसे और रसूख के बल पर एफआईआर करवा दी। बीवी-बच्चों की उदासी देखी नहीं जाती।
गहने, प्लॉट, दुकान सब हड़प लिए
एक हजार रुपए घर खर्चा-पानी मां को देकर 1992 में सऊदी अरब चला गया था। 1992 से 2016 तक 20 लाख से ऊपर और लाखों का सोना भाइयों में खर्च दिए। मां-बाप ने भाइयों की सहमति से घर के पीछे वाली दुकान मौखिक रूप से मुझे दे दी। इसे 2005 में नए सिरे से बना ली। साथ में तीन कमरे भी बनवाए। लाखों रुपए इनमें अलग से लगा दिए। बाद में इस दुकान के लिए भाई मुकर गए। 2005 के बाद सारे पैसे इस्लाम (मृतक सलीम का छोटा भाई) के जरिए जमीनों और साड़ियों के कारोबार में लगाए। इस्लाम ने भी बहुत बड़ा गबन किया। पैसों व जमीन के पेपर को गायब कर दिए। जमीन और लाखों रुपए हड़प लिए। मेरे पास पैसे और जमीन का कोई सबूत नहीं था। इस्लाम ने बगैर हिसाब के 10 लाख रुपए देकर स्टांप पर साइन करवा लिए। पैसों की जरूरत थी। मजबूरन साइन करने पड़े। गुढ़ागौड़जी की पुश्तैनी जमीन में 8-10 प्लॉट बेचकर भाई हड़प गए। सीकर में लिया हुआ मेरी मां का प्लॉट, मां-बाप के बनाए हुए जेवर, दुकान, माल भाई के पास हैं।
घटना की जानकारी मिलने के बाद दुकान के बाहर भीड़ लग गई। सलीम के बेटे की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद दुकान के बाहर भीड़ लग गई। सलीम के बेटे की रिपोर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
दिमाग से टेंशन नहीं जा रहा
माता-पिता के साइन किए खाली पेपर भाइयों के पास हैं। पिता की दिमागी हालत अक्सर खराब होने से नींद की दवा चलती थी। शायद भाइयों ने उसका फायदा भी उठाया। इसलिए शमीम के जरिए सिर्फ एक मकान का केस करवाया है। बने हुए मकान पर कब्जा करने के लिए उनके जुल्म में एक पल भी चैन नहीं। टेंशन दिमाग से निकल नहीं रहा। इन मकानों में मेरे लाखों रुपए लगे हुए हैं, जिन पर शमीम के जरिए केस करवाया है। तीनों परिवार एक साथ मिलकर हर तरह से मुझे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मेरे बीवी-बच्चों पर रहम करना
मुझे मिली दुकान के ऊपर फूड रेस्टोरेंट खोला तो बंद करना पड़ा। लाखों रुपए का नुकसान हुआ। हर तरफ से मेरी कमर तोड़ दी। रोज तरह-तरह की धमकियों, लड़ाई-झगड़े से जीना मुश्किल हो गया। बस मेरे भाइयों और उनके परिवार से इतना ही कहना चाहता हूं कि तुमसे परेशान होकर जहर और फांसी खाकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी लाश देखकर मेरे बीवी बच्चों पर रहम करना।
दुकान की टाइल्स पर भी सलीम ने लिखा। इसमें उन्होंने अपने दोनों भाइयों और उनके परिवार को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है।
दुकान की टाइल्स पर भी सलीम ने लिखा। इसमें उन्होंने अपने दोनों भाइयों और उनके परिवार को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है।
अपने परिवार के लिए लिखा
माफी चाहता हूं तुम सबको यूं अकेला छोड़कर जा रहा हूं। भाइयों की टेंशन और सदमे में न दिन को चैन था और ना रातों को नींद। काफी अरसे से परेशान था। इसलिए यह कदम उठाया। गुलशन (सलीम की पत्नी) सब हिम्मत और हौसले से काम लेना। बच्चों को भी हिम्मत, हौसला देना। सब मेरे लिए हमेशा दुआ करना। मोहसिन, शाहरुख अपनी मां और बहनों का ख्याल रखना। इन्हें हिम्मत, हौसला देना। कभी मायूस और उदास मत होना। मेरी जिंदगी इसी बहाने खत्म होनी लिखी होगी। सो हो गई। इसलिए अब दुख मत करना। तुम सब अपना ख्याल रखना। मेरे भाइयों और उनके परिवार से बच्चों को दूर रखना। खुदा हाफिज
सलीम अहमद ने दुकान के फर्श पर अपने भाइयों और उनके परिवार के खिलाफ लिखा।
सलीम अहमद ने दुकान के फर्श पर अपने भाइयों और उनके परिवार के खिलाफ लिखा।
7 दिन बाद था बेटी का निकाह
पार्षद मुबारिक ने बताया- सलीम अहमद के पांच बेटियां और दो बेटे हैं। एक बेटी का निकाह 3 सितंबर को होने वाला है। सलीम रंगरेज का मकान भी उसकी दुकान के पास सीकर के फतेहपुरी गेट इलाके में लाल मस्जिद के पास है। मामले में सीकर सीओ सिटी सुरेश शर्मा का कहना है कि परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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