राजस्थान

दुनिया का इकलौता ब्रह्मा मंदिर यहां, पांडवों ने यहां बनवाया शिव मंदिर

Admin2
27 May 2022 4:02 PM GMT
दुनिया का इकलौता ब्रह्मा मंदिर यहां, पांडवों ने यहां बनवाया शिव मंदिर
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जयपुर: 52 घाटों से सजी पवित्र झील और ब्रह्मा जी के मंदिर के लिए पुष्कर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। सैंकड़ों मंदिरों की घंटियां शाम के समय यहां एक साथ बजती हैं तो शहर का पवित्र वातावरण गुंजायमान हो उठता है। धार्मिक नगरी के नाम से पहचान रखने वाला पुष्कर गुलाब के फूलों, गुलाब के इत्र की महक के साथ गुलकंद का स्वाद भी पूरे विश्व के लोगों तक पहुंचाता है।

यहां से सबसे ज्यादा गुलाब के फूल अरब देशों में भेजे जाते हैं। इसके अलावा भी पुष्कर की कई ऐसी खासियत हैं जो आपको जाननी चाहिए। आज हम आपको यहां के 10 प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे, आइए जानते हैं...
तीर्थराज के नाम से प्रसिद्ध पुष्कर सरोवर को सभी तीर्थस्थलों का राजा कहा जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर में डुबकी लगाने पर तीर्थयात्रा संपन्न हो जाती है। अर्द्ध गोलाकार रूप में लगभग 10 मीटर गहरी यह झील 500 से अधिक मंदिरों और 52 घाटों से घिरी हुई है।
पूरे विश्व का एक मात्र ब्रह्मा मंदिर पुष्कर में स्थित है। संगमरमर से बना यह मंदिर चांदी के सिक्कों से जड़ा हुआ है। यहां ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित है। इसी मंदिर में सूर्य भगवान की संगमरमर की मूर्ति भी है जो एक प्रहरी की तरह खड़ी है। इस मूर्ति खासियत यह है कि भगवान सूर्य जूते पहने हुए हैं।
गुरुद्वारा सिंह सभा पुष्कर के पूर्वी भाग में स्थित है। इसे 19वीं सदी की शुरूआत में पहले और दसवें गुरु श्री गुरु नानक देव जी और श्री गुरु गोविंद सिंह जी की यात्रा की स्मृति में बनाया गया था।
12वीं शताब्दी के राजा अन्नाजी चौहान ने भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह को समर्पित कर यह मंदिर बनवाया था। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक राक्षस (हिरण्याक्ष) धरती को जल की गहराई में ले गया था। जहां से वराह ने उसे बचाया था।
ब्रह्मा मंदिर के पीछे ऊंची पहाड़ी पर सावित्री मंदिर बना है। मां सावित्री ब्रह्मा जी की पहली पत्नी थीं। मंदिर से नीचे की ओर झील मंदिर और रेत के टीलों का शानदार नजारा दिखाई देता है। पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी ने पुष्कर में यज्ञ करने के लिए गायत्री से दूसरा विवाह किया था। इससे नाराज होकर उनकी पहली पत्नी सावित्री ने उन्हें श्राप दिया। जिस कारण पूरे विश्व में ब्रह्मा जी का केवल एक ही मंदिर है, जो राजस्थान के पुष्कर में है।
देवी एकादशी को समर्पित इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाले लोग अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं। पुष्कर के उत्तरी भाग में स्थित ये मंदिर पुष्कर के मुकुट में मोती के समान है। यह राजस्थान के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।
पंचकुंड शिव मंदिर को पांडवों ने बनवाया था। शहर के पूर्वी किनारे पर स्थित यह मंदिर सरोवर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां शिवरात्रि पर भक्तों की भीड़ लगती है।
भगवान विष्णु का अवतार रंग जी को माना जाता है। मूल रूप से दक्षिण भारतीय शैली का यह मंदिर राजपूत और मुगल शैली का भी मिश्रण है। हजारों तीर्थ यात्री व पर्यटकों के लिए यह मंदिर आस्था और आकर्षण का केंद्र है।
इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। यहा एक भूमिगत तहखाना भी है। जटिल हेमाडपंथी वास्तुकला शैली की नक्काशी इस मंदिर को भव्य बनाती है। शिवरात्रि के दौरान हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
आमेर (जयपुर) के महाराजा मानसिंह प्रथम ने इस महल को बनवाया था। यह महल पुष्कर झील के पूर्वी भाग पर स्थित है। इसके किनारे सरोवर झील और चारों तरफ मंदिरों का मनोहारी दृश्य दिखाई देता है। वर्तमान में इस महल में सरोवर नाम से एक होटल संचालित किया जा रहा है।
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