राजस्थान

सरोकार कार्यक्रम में महिलाओं ने मनाया होली दिवस, अपनी बातें की साझा

Admin Delhi 1
5 March 2023 10:11 AM GMT
सरोकार कार्यक्रम में महिलाओं ने मनाया होली दिवस, अपनी बातें की साझा
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जयपुर: होली व नारी का सरोकार कार्यक्रम में 100 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने कहा कि पहले महिला घरवालों की बंदिशों में रहती है और बाद में बंदिशें और आडंबर आ जाते हैं। ऐसे में आखिर महिला घरवालों के लिए होली की व्यवस्था में ही लगी रहती है। यह बात तो सिर्फ एक होली के त्यौहार की है, लेकिन इसके जरिए हम महिलाएं बताना चाहती हैं, कि किसी भी त्यौहार या दिन को वह भी वैसे ही सेलिब्रेट करना चाहती है। जैसे पुरुष व घर के अन्य सदस्य। कुछ ऐसे विचारों के साथ जयपुर के जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित निजी स्थान पर शहर की अलग-अलग फील्ड की महिलाएं एकत्रित हुई और होली व महिला दिवस मनाया किया। मौका था होली व नारी का सरोकार प्रोग्राम का, जिसमें 100 महिलाओं ने हिस्सा लिया।

होली प्रेम और स्नेह का त्योहार माना जाता है। साथ ही प्राचीन समय से होली को पुरानी बातें भुलाकर, मन मिलाने का त्योहार भी मानते हैं। ऐसे में इस बार गुलाबी नगरी में होली और महिला दिवस को कुछ इसी अंदाज में सेलिब्रेट किया गया। इसके लिए महिला दिवस व होली से पहले जयपुर की अलग-अलग फील्ड और विचारों की महिलाएं एक मंच पर आई। होली सेलिब्रेट की और महिला दिवस पर विभिन्न टॉपिक्स पर बात करते हुए नव भारत में अपनी भागीदारी निभाई। उन्होंने सरोकार के मंच पर अपनी बातें साझा की।

वुमन एंपावरमेंट का पता चलता है

आचार्या हिमानी शास्त्री ने कहा कि त्योहारों पर वुमन एंपावरमेंट का पता चलता है, क्योंकि जब उन्हें हर बात पर टोका या रोका जाता है तो कहीं पर भी वुमन एंपावरमेंट नहीं होता। ऐसे में बराबरी की बात होनी चाहिए, जो दिखाई नहीं देती।

दायरा तय करने की बात भी कही

महिलाओं ने स्वयं का दायरा तय करने की बात भी कही। उन्होंने कहा महिला दिवस और होली सेलिब्रेशन होना चाहिए, लेकिन सबके लिए दायरे मौजूद हैं। हमें अपनी नई पीढ़ी को यह लक्ष्मण रेखा या दायरे बताने और सिखाने होंगे।इसके लिए घरेलू शिक्षा बहुत जरूरी है।

कृष्ण भगवान है सबसे पुराने मनोचिकित्सक

प्रोग्राम में स्त्री की मनोदशा पर भी बात हुई। महिलाओं ने कहा कि दर्द में बने रहना भी एक मनोदशा है। कई महिलाएं जीवन साथी के रूप में दर्द सहती हैं और शांत रहती हैं। वहीं बात की जाए पुरुषों की, तो 90 प़्रतिशित पुरुष रैपिड एक्शन वाले होते हैं, जबकि महिलाओं में यह सासह नहीं होता है। ऐसे में हमें भगवान कृष्ण मनोदशा को कंट्रोल करना सिखाते हैं, क्योंकि कृष्ण इस दुनिया के सबसे पुराने और बड़े मनोचिकित्सक हैं।

इन्होंने किया इंटरेक्शन

होली व नारी का सरोकार प्रोग्राम में आचार्य हिमानी शास्त्री, ऐंजेलीना जॉली, पूनम शर्मा, सीनियर स्किन रोग विशेषज्ञ डॉ नेहा प्रसाद, मिनाक्षी जोशी, डाइटीशियन प्रियंका जैन, सीमातनी चतुर्वेदी, शिखा तिवारी, माधुरी कुमार, शशि सक्सेना आदि ने वहां आई 100 से ज़्यादा महिलाओं के साथ इंटरेक्शन किया। राम सिंह राव राज्य मंत्री चेयरमैन वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी राजस्थान सरकार ने महिला दिवस की शुभकामनाएं दी और महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र और परिस्थिति में समाज का साथ देने के लिए आभार व्यक्त किया।

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