राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कांग्रेस संगठन के एकजुट होने का दावा करते हुए शुक्रवार को कहा कि पार्टी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेगी और इसके नेताओं में कोई मनमुटाव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एक बार फिर कांग्रेस सरकार बनने का विश्वास जताया। यहां पार्टी के लोकसभा पर्यवेक्षकों तथा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘सबकी एक राय है कि राजस्थान में सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। कोई मनमुटाव नहीं है, मतभेद नहीं है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘छोटे-मोटे मतभेद तो हिंदुस्तान में किस राजनीतिक पार्टी में नहीं होते हैं... पर सबकी मंशा एक है ... हमें चुनाव जीतना है और सरकार फिर बनानी है। उस पर सबकी एक राय है।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान के चुनाव केवल राजस्थान के लिए नहीं हैं ये चुनाव देश के भविष्य को लेकर हैं। राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। गहलोत ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनकी सरकार गिराने की कोशिश की थी लेकिन यह जनता के आशीर्वाद से बच गई। उन्होंने दावा किया, ‘‘(प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और (गृह मंत्री) अमित शाह जी की इच्छा पूरी नहीं हुई, उनके दिल में आग लगी हुई है.. जब सरकार नहीं गिरने दी ... बाद में इन्होंने और प्रयास किया लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला कि कामयाब हों। वो आग आज भी इनके दिलों में लगी हुई है...कि वो बदला लेंगे, इन चुनाव में।’’ गहलोत ने आरोप लगाया, ‘‘उसी रूप में मोदी जी (इस साल) छह दौरे कर चुके हैं। अमित शाह जी कोई कमी नहीं रख रहे। गृह मंत्रालय में बैठकर षड्यंत्र रचे जा रहे हैं... हमें इसकी जानकारी है।’’ गहलोत ने कहा कि जनता सब देख रही है और एक बार फिर कांग्रेस की सरकार दोहराएगी।
उन्होंने कहा कि इस बार बहुमत नहीं भारी बहुमत रहेगा और ‘मिशन-156’ (200 विधानसभा सीटों में से 156 सीटें जीतने के लिए) के साथ चुनाव लड़ेंगे। गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कर्नाटक मॉडल लागू किया जाएगा और उम्मीदवारों की एक सूची सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी की जाएगी। इससे पहले हुई बैठकों में कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा व वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसुदन मिस्त्री ने भी भाग लिया।