शिक्षा के साथ स्टूडेंट्स का करेंगे सर्वांगीण विकास: प्रो. एके द्विवेदी
कोटा: राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में इन दिनों जो घटनाएं घटी वो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है। शिक्षा के पवित्र मंदिर को अपवित्र करने वाले घिनौने चेहरे भले ही बेनकाब हो गए हों, लेकिन पर्दे के पीछे अभी भी दोहरे चरित्र ऐसे हैं, जो चेहरे पर चेहरा लगाए सिस्टम की जड़ों को खोखला कर रहे हैं, ऐसी दीमकों को ढूंढ निकाल सिस्टम से बाहर फैंकने की मुहिम छिड़ चुकी है। आरटीयू पर मंडराई डर व असुरक्षा की काली छांव, सूरज की पाक रोशनी से नेस्तनाबूद कर खुशनुमा माहौल बनाने का जिम्मा नवनियुक्त डीन फैकल्टी अफेयर ने अपने हाथों में लिया है। बदलाव के इस मोर्चे पर वुमन सेल मजबूती से डटी है। नए साल के पहले ही दिन बदलाव के सारथियों ने गलती की गुंजाइश नहीं..., मुहिम का आगाज कर अपने इरादे बयां कर दिए हैं। दरअसल, डीन फैकल्टी अफेयर प्रोफेसर एके द्विवेदी ने सिस्टम में बड़े बदलाव किए हैं। आरोपी परमार की घिनौनी करतूतों से धूमिल हुई आरटीयू की छवि देश-प्रदेश में फिर से कायम करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। ताकि, विश्वविद्यालय का बागबां स्टूडेटस रूपी फूलों से महकता रहे। राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा व मान सम्मान बरकरार रखने को सार्थक प्रयासों का श्रीगणेश कर दिया है।
वो पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों, करें कोशिश इंसा तो क्या-क्या नहीं मिलता,वो शीश उठा के देखें जरा, रास्ता अंधेरों में भी मिलता। जज्बे से भरी ये पंक्तियां राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के नवनियुक्त डीन फैकल्टी अफेयर प्रोफेसर एके द्विवेदी पर सटीक बैठती हैं। उन्हें डीन की जिम्मेदारी ऐसे माहौल में मिली जब परिस्थितियां बिल्कुल उलट हैं। आरोपी परमार की करतूतों से आरटीयू शर्मसार हुआ और शिक्षा जगत में छवि घूमिल हुई। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में द्विवेदी ने अकेडमिक व्यवस्थाओं में बदलाव कर नीट एंड क्लिीन यूनिवर्सिटी का संदेश दिया। साथ ही विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और छात्रहित को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं। डीन फैकल्टी अफेयर ने महत्वपूर्ण मुददों पर दैनिक नवज्योति से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं, साक्षात्कार के प्रमुख अंश....
सवाल: आरोपी परमार ने विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया, दोबारा ऐसा न हो इसके लिए क्या प्रयास हैं?
जवाब: विश्वविद्यालय में प्रत्येक डिपार्टमेंट, क्लासेज, हॉस्टल व कैम्पस में कई जगहों पर शिकायत पेटी लगवाई गई है। जिसमें विद्यार्थी अपनी शिकायत लिखकर डाल दें, यह पेटी विभागध्यक्ष व डीन फैकल्टी अफेयर ही खोल पाएंगे। शिकायती पत्रों की नियमित जांच की जाएगी। जिसमें दोषी पाए जाने वाले संबंधित व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थियों का विश्वास व मनोबल टूटने नहीं दिया जाएगा।
सवाल: विवि में न तो समय पर पेपर हो रहे और न ही नियमित पढ़ाई हो रही। इसे कैसे सुधारेंगे ?
जवाब: निश्चित रूप से अकेडमिक व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। पढ़ाई नियमित रूप से हो और परीक्षाएं समय पर सम्पन्न करवाना प्राथमिकता में शामिल हैं। यूडी अकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएगी। कोविड की वजह से जरूर व्यवस्थाओं में व्यवधान आया है, जिसे दुरूस्त किया जा रहा है। प्रत्येक डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर अकेडमिक व्यवस्थाओं में और क्या-क्या सुधार कर सकते हैं, इस संबंध में सुझाव मांगे जाएंगे। उसके आधार पर और बदलाव किए जाएंगे।
सवाल: प्रोफेसर द्वारा क्लास में विद्यार्थियों को फेल करने को लेकर धमकाया जाता था, ऐसी घटनाओं को कैसे रोकोगे?
जवाब: ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए कुलपति प्रो. एसके सिंह के निर्देश पर फीडबैक सिस्टम बनाया गया है। इस सिस्टम के जरिए विद्यार्थी आॅनलाइन या आॅफलाइन माध्यम से अपनी शिकायत कर सकता है। ऐसे विद्यार्थियों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक क्लास व कैम्पस में इंफॉरमर तैनात किए जाएंगे, जो क्लास में शिक्षक व विद्यार्थियों के बीच मौजूद रहेंगे और शिक्षकों के व्यवहार, पढ़ाने का तरीका, विद्यार्थियों के बीच होने वाली अच्छी-बुरी बातचीत, समस्या, परेशानिया व कैम्पस में घटने वाली सकारात्मक व नकारात्मक गतिविधियों की जानकारी सीधी कुलपति को दी जाएगी। ताकि, अप्रिय घटनाओं को जन्म देने वाली समस्याओं का तुरंत जड़ से सफाया किया जा सके।
सवाल: विद्यार्थियों को आरटीयू प्रशासन पर विश्वास नहीं है, यदि होता तो परमार की शिकायत छात्रा को पुलिस थाने में न करनी पड़ती?
जवाब: यह बात सच है, सिस्टम में कहीं न कहीं चूक हुई है। जिसकी वजह से विद्यार्थियों को परेशानियों से जुझना पड़ा। स्टूडेंटस व विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच भरोसा कायम करने की पुरजोर कोशिश है। इसलिए, शिकायत पेटी व फीडबैक सिस्टम बनाया है। वहीं, जागरुकता अभियान चलाकर विद्यार्थियों से संवाद किया जाएगा। सेमिनार आयोजित करवाए जाएंगे, जिसमें समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। जिनका मौके पर ही समाधान किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों का विश्वास बढ़ेगा।
सवाल: डीन फैकल्टी अफेयर के अंडर में कौन-कौन से डिपार्टमेंट आते हैं। क्या विद्यार्थी सीधे आपसे शिकायत कर सकते हैं?
जवाब: जी हां, कोई भी स्टूडेंटस कभी भी किसी भी वक्त डीन फैकल्टी अफेयर से शिकायत कर सकते हैं। डीन के अंडर में 6 डिपार्टमेंअ आते हैं, जिनमें सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल, इलेक्ट्रोनिक्स व कम्प्यूटर इंजीनियरिंग और जनरल साइंस का डिपार्टमेंट आता है।
सवाल: डीन फैकल्टी अफेयर होने के नाते आपकी पहली प्राथमिकता क्या है?
जवाब: नीट एंड क्लीन यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक माहौल बनाना है। तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता में बढ़ोतरी करना, विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ स्कील डवलपमेंट की ट्रैनिंग देना, अधिक से अधिक विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्लेसमेंट करवाना प्राथमिकता है। ताकि, स्टूडेंट पास आउट होकर देश-विदेश में कहीं भी आसानी से जॉब कर सके।
सवाल: आरटीयू में नया क्या कर रहे हैं?
जवाब: विद्यार्थियों में आत्म विश्वास व शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इंटरनेशनल कांफ्रेंस करवाई जाएगी। जिसमें देश विदेश के विद्यार्थी भाग लेंगे। कार्यक्रम में शिक्षा जगत में हुए महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर कई सेमिनार होंगे,जिसमें विद्यार्थियों को बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। इसके अलावा थार कार्यक्रम का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। जिससे स्टूडेंटस का टैलेंट निखरेगा।
सवाल: परमार आरटीयू में स्टूडेंट्स को फेल-पास करने का रैकेट चला रहा था, इसे कैसे रोकेंगे ?
जवाब : आॅटोनॉमी नियमों की शत-प्रतिशत पालना होगी। बैच रोटेशन, सब्जेक्ट रोटेशन और सबसे महत्वपूर्ण ग्रेड मॉडरेशन कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी विद्यार्थियों के परिणाम पर नजर रखेगी। किसी के रिजल्ट में थोड़ी भी गड़बड़ी होने पर यह कमेटी तुरंत पकड़ लेगी। वहीं, मामला संदिग्ध लगने पर कमेटी के सदस्य संबंधित विद्यार्थियों की कॉपी की दोबारा जांच कर करेगी। यदि, जांच में एग्जामिनर की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कमेटी के सक्रिय होने से इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा।