राजस्थान

राजस्थान में वसुंधरा राजे के नाम पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी?

Ritisha Jaiswal
8 May 2022 2:24 PM GMT
राजस्थान में वसुंधरा राजे के नाम पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी?
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राजस्थान (Rajasthan) मई के महीने में देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बनने जा रहा है

राजस्थान (Rajasthan) मई के महीने में देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बनने जा रहा है. देश की दो सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस इस महीने राजस्थान में अपने-अपने दल की बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. कांग्रेस अपनी पार्टी की दशा और दिशा सुधारने के लिए राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच तीन दिवसीय चिंतन शिविर बैठक करने जा रही है तो इसके अगले सप्ताह 20-21 मई को बीजेपी आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों और संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए राजस्थान के ही जयपुर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक करने जा रही है.

विधान सभा चुनाव को लेकर करेंगे रणनीति तैयार
एक मायने में देखा जाए तो दोनों ही राजनीतिक दल राजस्थान में बैठक कर 2022 और 2023 में होने वाले नौ राज्यों के विधान सभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करेंगे, लेकिन कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी कांग्रेस शासित दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर खास ध्यान दे रही है.
वसुंधरा राजे ने बीजेपी ने मेल मिलाप किया शुरू
बीजेपी आलाकमान की इसी मंशा को समझते हुए राजस्थान बीजेपी की कद्दावर नेता मानी जाने वाली वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने बीजेपी आलाकमान के साथ मेल मिलाप का सिलसिला शुरू कर दिया है. राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी और वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रही वसुंधरा राजे और आलाकमान के रिश्ते जगजाहिर रहे ,हैं लेकिन पिछले डेढ़ महीनों के दौरान इसे सुधारने के लिए वसुंधरा राजे ने अपनी तरफ से पहल की है.
बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से राजे ने की मुलाकात
मुलाकातों के सिलसिले की बात करें तो, पिछले डेढ़ महीनों के दौरान वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत पार्टी के कई आला नेताओं से मुलाकत कर अपनी बात रखी है. 24 मार्च को वसुंधरा राजे ने नई दिल्ली में संसद भवन में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमन और राजस्थान बीजेपी के प्रभारी अरुण सिंह के साथ मुलाकात की थी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में देहरादून गई वसुंधरा राजे और गृह मंत्री अमित शाह के बीच उसी दिन एयरपोर्ट पर महत्वपूर्ण मुलाकात हुई. वसुंधरा ने 29 मार्च को नई दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. जाहिर तौर पर इन मुलाकातों के दौरान राजस्थान के राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा हुई और दोनों ने एक दूसरे को समझने की कोशिश भी की.
खड़ें हो रहे हैं ये सवाल
ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर राजस्थान को लेकर वसुंधरा राजे सिंधिया की कोशिशों का क्या परिणाम निकला? बीजेपी आलाकमान राजस्थान को लेकर आखिर क्या सोच रहा है? क्या बीजेपी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के नाम के साथ अशोक गहलोत के खिलाफ विधान सभा चुनाव में उतरेगी या सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लडेगी?
राज्य संगठन को जोड़ने में लगी बीजेपी
इन सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी के एक बड़े नेता ने बताया कि फिलहाल बीजेपी आलाकमान की सबसे बड़ी कोशिश राज्य संगठन में घर कर चुकी गुटबाजी को पूरी तरह से खत्म करना है. इसीलिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वयं पहल करते हुए 19 अप्रैल को अपने आवास पर राजस्थान बीजेपी के सभी नेताओं को बुलाकर गुटबाजी को खत्म कर मिलकर गहलोत सरकार के खिलाफ लड़ने की नसीहत दी. आपको बता दें कि, उस दिन नड्डा के आवास पर लगभग पौने पांच घंटे तक चली बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राजस्थान से लोक सभा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, प्रदेश संगठन महासचिव चंद्रशेखर और राजस्थान विधान सभा में नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित राज्य के कई अन्य दिग्गज नेता भी शामिल हुए थे.

राजस्थान दौरे पर जा रहे जेपी नड्डा
राजस्थान बीजेपी के लिए कितना अहम बन गया है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 20-21 मई को जयपुर में होने वाली राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक से पहले जेपी नड्डा 10 मई को राज्य के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. अमित शाह भी इसी महीने राज्य के आदिवासी इलाकों के दौरे पर रहेंगे तो वहीं राजस्थान बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह एक सप्ताह के लिए राज्य के दौरे पर जा रहे हैं.


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