राजस्थान

पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस, जाँच शुरू

Admin4
27 Sep 2023 11:26 AM GMT
पत्नी ने पति के खिलाफ दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस, जाँच शुरू
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श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर महिला ने अपने पति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। महिला का आरोप है कि पति ने उसके बैंक खाते से जुड़ी जानकारी का दुरुपयोग करते हुए रुपए निकाले है। मामला श्रीगंगानगर के गजसिंहपुर का है। जांच हैड कॉन्स्टेबल मनोहरलाल कर रहे है। गजसिंहपुर के गांव 43 जीजी की संदीप कौर पत्नी गुरजीतसिंह ने रिपोर्ट में बताया कि उसकी गुरजीतसिंह से कुछ समय पहले शादी हुई थी। उसने अपना ब्यूटी पार्लर का काम शुरू किया। इससे पति नाराज रहने लगा। उनके बीच इसे लेकर विवाद बढ़ गया। महिला का आरोप है कि पति गुरजीत सिंह को उसके बैंक खाते से जुड़ी कई जानकारी थी। पति ने उसके बैंक खाते से 10.45 लाख रुपए निकाल लिए। जांच अधिकारी मनोहरलाल ने बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों के थाने बुलाया गया है। उनके बयान के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
सूरतगढ़. सीवरेज घोटाले में निलंबित भाजपा के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। स्वायत शासन विभाग की ओर से कालवा को नगरपालिका अध्यक्ष पद व सदस्यता से निलंबन के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर गत सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस प्रकरण में फैसला सुनाते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। बताया जा रहा है कि अब कालवा हाईकोर्ट की डबल बैंच के समक्ष याचिका लगा सकते हैं हैं। पूर्व पालिकाध्यक्ष कालवा ने 23 अगस्त को ई फाइलिंग से राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट लगाई थी।
उल्लेखनीय है कि स्वायत शासन विभाग ने सीवरेज संवेदक मोन्टीकार्लो कम्पनी को सीवरेज व सोक पिट कार्य के लिए गत वर्ष मार्च माह में 1 करोड़ 45 लाख रुपए के अनधिकृत भुगतान मामले में गत 24 जुलाई को नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था। इस संबंध में वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष परसराम भाटिया व पूर्व पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर सीवरेज कम्पनी को 1.60 करोड़ रुपए का अनधिकृत भुगतान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसके बाद जिला कलक्टर की ओर से गठित कमेटी ने पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा और तत्कालीन इओ विजयप्रताप सिंह को दोषी मानते हुए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। उधर, हाईकोर्ट से पूर्व पालिकाध्यक्ष की याचिका खारिज होने के बाद जहां कांग्रेस खेमे में खुशी देखी गई, वहीं भाजपा खेमे में मायूसी देखने को मिली।
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