राजस्थान
विधायक भरत सिंह और खनन मंत्री भाया के विवाद में क्यों आई CM Gehlot की पोती काश्विनी
Shantanu Roy
16 Nov 2021 7:05 AM GMT
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विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को पत्र लिखकर उनकी ही पोती काश्विनी के विधानसभा में हुए बाल सत्र में दिए बयान को मुद्दा बना दिया है.
जनता से रिश्ता। विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को पत्र लिखकर उनकी ही पोती काश्विनी के विधानसभा में हुए बाल सत्र में दिए बयान को मुद्दा बना दिया है. जिसमें काश्विनी ने जंगल और पर्यावरण के बाद की थी. इसी बात को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से कहा है कि आप सोरसन गोडावण प्रजनन केंद्र को लेकर मेरी बात को नजरअंदाज कर दें, लेकिन मैं जो मुद्दा उठा रहा हूं, वह आप की पोती ने भी उठाया है. और मैं आने वाली पीढ़ियों के लिए ही यह मुद्दा उठा रहा हूं. वन एवं पर्यावरण के मुद्दे पर सांगोद के विधायक भरत सिंह खुलकर सामने आते हैं. उन्होंने बारां जिले के सोरसन अभ्यारण को लेकर मोर्चा खोला हुआ है. जिसमें वह खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया की खिलाफत करते हैं. मंत्री माया पर सोशल अभ्यारण क्षेत्र में खनन को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हैं.
विधायक भरत सिंह (Bharat Singh) अब तक एक दर्जन से ज्यादा पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ लिख चुके हैं. अब उन्होंने एक और पत्र लिखा है. जिसमें खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पोती काश्विनी का जिक्र भी कर दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में विधायक भरत सिंह ने हाल ही में विधानसभा में हुए बाल सत्र का जिक्र किया है. साथ ही उन्होंने बाल सत्र में बच्चों ने जो कहा उस पर ध्यान दिलाने की बात लिखी है.
पत्र में बताया गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पोती काश्विनी ने बच्चों को जंगल से अवगत करवाने की प्रावधान नहीं होने का मुद्दा उठाया था. साथ ही कहा था कि बच्चों को प्रकृति से जोड़ा जाए, जिससे बच्चों का व्यवहारिक ज्ञान बढ़ेगा. इसी बात को भरत सिंह में आगे बढ़ाते हुए सोरसन में गोडावण व ग्रास लैंड को बचाने से जोड़ दिया है.
भरत सिंह ने सीएम गहलोत से किया अनुरोध
भरत सिंह ने लिखा है कि मैं बार-बार आपको पत्र लिख रहा हूं, उस पर गौर करें, बारां के विधायक औऱ प्रदेश के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया धन कमाने के लिए खान चलाना चाहते हैं. आप इस पर विषय पर अभी तक मौन हैं. इस ग्रास लैंड को मैं अपने लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाना चाहता हूं. मेरी बात को आप नजर अंदाज कर सकते हैं, मगर आप की पोती काश्विनी जो बोली है, कृपया उसको नजरअंदाज नहीं करें. आप की पोती ने जो व्यवहारिक बात कही है, उसका ग्रहण करें.
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