राजस्थान

गहलोत-पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस की दिल्ली वाली बैठक क्यों है अहम

Shreya
6 July 2023 10:21 AM GMT
गहलोत-पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस की दिल्ली वाली बैठक क्यों है अहम
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राजस्थान: राजस्थान कांग्रेस में सियासी उठापटक के बीच आज सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हुई हैं। क्या पायलट और गहलोत झगड़ा खत्म होने की कगार पर आ गया है। क्या कांग्रेस नेतृत्व कोई बड़ा फैसला लेगा? ये कुछ सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि दिल्ली में अहम बैठक जो है। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर दिल्ली में आज बड़ी बैठक होने जा रही है। राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में राजस्थान के 30 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है। प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और सचिन पायलट सहित सभी वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे। हालांकि, पिछले दिनों गहलोत के दोनों पैरों के अंगूठों में फैक्चर हो गया था। ऐसे में वे दिल्ली नहीं जा सके। गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बैठक से जुड़ेंगे।

चुनाव कैसे जीतेंगे, इस पर मंथन

राजस्थान के साथ इसी साल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव से पहले तीन अन्य राज्यों में भी चुनाव होंगे। इसलिए बारी बारी से सभी राज्यों की चुनावी रणनीतियों पर मंथन किया जा रहा है। पिछले दो दिनों में अन्य राज्यों की चुनावी रणनीति पर चर्चा हो चुकी और अब राजस्थान की बारी आई है। चुनावी रणनीति के तहत कुछ नेताओं को अलग से जिम्मेदारी दी जा सकती है। अशोक गहलोत इस बैठक में महंगाई राहत कैंप और जन कल्याणकारी योजनाओं के कारण प्रदेश में पार्टी के प्रति बने सकारात्मक माहौल के बारे में जानकारी दे सकते हैं। राजस्थान के लिहाज से यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

गहलोत और पायलट विवाद भी वजह

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में पिछले कुछ सालों से अंदरुनी कलह चल रही है। खासतौर पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जंग जारी है। तीन साल पहले सचिन पायलट बगावती तेवर अपना चुके। उन दिनों गहलोत सरकार संकट में आ गई थी। उस घटना के बाद पायलट लगातार गहलोत और उनके समर्थकों के निशाने पर रहे। पिछले 3 साल में दोनों पक्षों की ओर से दर्जनों बार तीखे बयान दिए गए। नकारा, निकम्मा और गद्दार जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया। पायलट अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनशन कर चुके हैं और रैली भी निकाल चुके हैं। पायलट के आर पार के मूड को देखते हुए अब कांग्रेस आलाकमान सुलह के प्रयास में जुटा है। ऐसा इसलिए क्योंकि गहलोत पायलट के बीच ऐसे ही जंग जारी रही तो आने वाले चुनावों में पार्टी को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ सकता है। दिल्ली की बैठक इस विवाद की वजह से भी अहम मानी जा रही है।

इन नेताओं को बुलाया गया है दिल्ली

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा शामिल हैं। कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत, लालचंद कटारिया, प्रताप सिंह खाचरियावास, बीडी कल्ला भी इस फेहरिस्त में हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह, मोहन प्रकाश, धीरज गुर्जर, रघुवीर मीणा को भी बुलाया गया है। रामेश्वर डूडी, हरीश चौधरी, सचिन पायलट, ममता भूपेश, परसादी लाल मीणा, रघु शर्मा के साथ तीनों सह प्रभारी अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन और वीरेन्द्र सिंह को बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। गहलोत वर्चुअली जुड़ेंगे जबकि अन्य नेता दिल्ली पहुंच रहे।

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