राजस्थान

शहर की सूरत बदली तो बदल गए संकेतक भी

Admin Delhi 1
15 Aug 2023 6:38 AM GMT
शहर की सूरत बदली तो बदल गए संकेतक भी
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महानगरों की तर्ज पर लगे संकेतक

कोटा: नगर विकास न्यास की ओर से करवाए गए विकास व सौन्दर्यीकरण के साथ ही शहर का नक् शा ही बदल गया है। ऐसे में शहर के नए रास्तों की पहचान बाहर से आने वाले ही नहीं स्थानीय लोगों के लिए परेशानी बनी हुई थी। लेकिन अब लोगों को न तो परेशान होना पड़ेगा और न ही किसी से पूछना पड़ेगा। ऐसा संभव हुआ है शहर में जगह-जगह लगाए गए संकेतकों से। नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पिछले तीन साल में कोटा शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट तैयार हुए। शहर के यातायात को सुगम बनाने और पर्यटन की दृष्टि से किए गए विकास से शहर का नक् शा ही बदल गया। शहर में अब जहां देखो वहां फ्लाई ओवर व अंडरपास नजर आने लगे हैं। चौराहों की पहचान ही बदल गई है। नए-नए रास्ते बन गए हैं। शहर में हुए विकास व सौन्दर्यीकरण के चलते बाहर से आने वाले व्यक्ति को समझ ही नहीं आता कि वह कोटा में ही आया है या किसी अन्य शहर में। तीन साल पहले जो रास्ते थे वे अब पूरी तरह से नह रूप में दिखने लगे हैं। चौराहों का आकार व प्रकार ही बदल गया है। अचानक आने वाले तो चकर घिन्नी हो रहे हैं। हालत यह है कि कोटा वासी भी एक बार तो समझ नहीं पा रहे थे कि वे किधर से जाएं।

महानगरों की तर्ज पर लगे संकेतक

जिस तरह से जयपुर, जोधपुर जैसे बड़े शहरों और दिल्ली व मुम्बई जैसे महानगरों में जगहों की पहचान के लिए काफी ऊंचाई पर दिशा सूचक संकेतक लगे होते हैं। शहर वासियों व बाहर से आने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब कोटा में भी उसी तरह के संकेतक लगाए गए हैं। हालांकि पूर्व में गेंट्री बोर्ड पर संकेतक लगे हुए हैं लेकिन वे पुराने होने व उनमें से अधिकतर पर विज्ञापन चस्पा होने से उनका पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब नगर विकास न्यास की ओर से महानगरों की तर्ज पर कोटा में भी संकतक लगाए गए हैं।

यहां लगाए संकेतक

नगर विकास न्यास की ओर से शहर में बनाए गए सभी नए चौराहों और अंडरपास व फ्लाई ओवरों के आस-पास संकेतक लगाए गए हैं। एरोड्राम चौराहा अंडरपास पर घोड़े वाले बाबा चौराहा, झालावाड़ रोड, सेवन वंडर्स रोड, जेडीबी कॉलेज के आस-पास और गोबरिया बावड़ी व अनंतपुरा तक के क्षेत्र में जगह-जगह पर इस तरह के संकेतक देखे जा सकते हैं। न्यास अधिकारियों का कहना है कि अंडरपास व फ्लाई ओवर के साथ ही नए रास्ते बनने से लोगों को उनकी जानकारी आसानी से मिल सके। इसके लिए संकेतक लगाए गए हैं। कई जगह पर लग चुके हैं और जहां आवश्यक हैं वहां लगाए जा रहे हैं। पुराने संकेतकों के साथ ही नए संकेतक भी लगाने से लोगों को सुविधा होगी।

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