राजस्थान
बारिश से जमीन पर पड़ी गेहूं, सरसों की फसल खराब, उत्पादन में गिरावट
Shantanu Roy
7 April 2023 12:37 PM GMT

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हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिले में बारिश व आंधी का दौर जारी है। इससे फसल क्षति का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। राजस्व विभाग और कृषि विभाग द्वारा बारिश और ओलावृष्टि के तुरंत बाद सर्वेक्षण कराकर नुकसान का आकलन किया जाता है। इस सीजन में पाला पड़ने से हजारों हेक्टेयर में लगी सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। 28 मार्च तक बारिश और ओलावृष्टि से 53 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है. सबसे बड़ी बात यह है कि अब तक किसानों को फसल खराब होने का मुआवजा नहीं मिला है। अब पांच अप्रैल की रात फिर बारिश और तेज आंधी से फसलों को नुकसान हुआ है. कृषि विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी हमेशा की तरह नुकसान का आकलन कराने का दावा कर रहे हैं. पीड़ित किसानों को कब राहत मिलेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जानकारी के अनुसार पांच अप्रैल को सबसे अधिक बारिश हनुमानगढ़ व पीलीबंगा तहसील क्षेत्र में हुई है.
हनुमानगढ़ में 12 मिमी, पीलीबंगा में 10 मिमी, संगरिया में 5, तिब्बी में 7, रावतसर में 5 और भादरा में 1 मिमी बारिश हुई। भारी बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। जमीन पर गेहूं की फसल बिछ गई। सरसों की फलियां चटकने से उत्पादन में गिरावट आएगी। कृषि विभाग द्वारा सर्वे कराकर नुकसान का आकलन किया जा रहा है। नुकसान की पूरी रिपोर्ट शुक्रवार शाम या शनिवार तक आने की संभावना है। इसके बाद ही प्रभावित क्षेत्र का पता चल पाएगा।
सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार 33 प्रतिशत तक नुकसान होने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है। इससे कम नुकसान पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। कई क्षेत्रों में नुकसान 70 प्रतिशत से अधिक है तो कई क्षेत्रों में 10 से 15 प्रतिशत तक ही नुकसान हुआ है। औसत नुकसान कम होने के कारण मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा है। जिले में 28 मार्च तक बारिश व ओलावृष्टि से 33 हजार 56 हेक्टेयर गेहूं की फसल प्रभावित हो चुकी है. गेहूं में 15 से 20 फीसदी तक नुकसान हुआ है। 15 हजार 67 हेक्टेयर में कटी या खड़ी सरसों की फसल खराब हो गई। 15 से 25 हेक्टेयर सरसों, 2362 हेक्टेयर जौ और 2827 हेक्टेयर चने की फसल को नुकसान हुआ है। जौ में 15 से 20 प्रतिशत और चना में 15 से 25 प्रतिशत की हानि हुई है। यह औसत नुकसान का अनुमान है। बारिश से ज्यादा नुकसान की जानकारी नहीं है। फील्ड स्टाफ से रिपोर्ट मांगी गई है। एक-दो दिन में रिपोर्ट आने के बाद ही नुकसान का सही आंकड़ा मिल पाएगा। गेहूं की फसल जमीन पर पड़ी है। इससे उत्पादन में कुछ गिरावट आएगी।
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Shantanu Roy
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