राजस्थान

लोकमाता अहिल्या बाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें अपने देश की सेवा करनी चाहिए: Neelprabha Nahar

Gulabi Jagat
16 Dec 2024 3:06 PM GMT
लोकमाता अहिल्या बाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें अपने देश की सेवा करनी चाहिए: Neelprabha Nahar
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Bhilwaraभीलवाड़ा। वैदेही महिला जागृति संस्थान महिला समन्वय भीलवाड़ा विभाग द्वारा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष में कार्यक्रम एवं विशाल शौर्य यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी दुर्गा वाहिनी, मातृशक्ति और राष्ट्रीय सेविका समिति व सभी हिंदू संगठन की बहनों ने भाग लिया। राजेंद्र मार्ग स्कूल में दोपहर 2 बजे एकत्रीकरण हुआ। महिला समन्वय की प्रांत संयोजिका नीलप्रभा नाहर ने देवी अहिल्याबाई होलकर के व्यक्तित्व व कृतित्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सामान्य परिवार में जन्म लेकर इंदौर मालवा की रानी बनकर जन- जन की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया।
आक्रांताओं द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिरों, घाटों, आश्रमों का पुनः निर्माण करवा कर भारत को एकता के सूत्र में बांध दिया। हमें लोकमाता अहिल्या बाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें अपने देश की सेवा करनी चाहिए। मुख्य अतिथि समाजसेविका कांता हुरकट थी। संचालन डॉ. शोभा गौतम ने किया। महिला समन्वय विभाग सह संयोजिका सुशीला जाट ने प्रस्तावना रखी। काव्य गीत की प्रस्तुति ओजस्विता ने दी। विभाग सह संयोजिका, महिला समन्वय सुषमा विश्नोई ने बताया कि आयोजन मे सुशीला पारीक, मनीषा जाजू, नीलू मालू, कीर्ति सोलंकी, खुशबू शुक्ला, सोनल ओझा, गायत्री सोनी, प्रतिभा माली, सीमा पारीक, रेखा सोनी, नीता, वंदना सेन, विजया सुराणा, सोनल ओझा, मधु शर्मा, गायत्री सोनी, सीमा पारीक, नीता रावत ने व्यवस्थाओ को लेकर सक्रियता ने व्यवस्था संभाली।
विभिन्न मार्ग से निकली शौर्य यात्रा
कार्यक्रम के बाद शौर्य यात्रा राजेंद्र मार्ग से प्रारंभ होकर संकट मोचन हनुमान मंदिर के सामने से गोल प्याऊ चौराहा होते हुए सुभाष मार्केट से सूचना केंद्र होते हुए अंबेडकर चौराहा पहुंची। अंबेडकर चौराहा पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
565 युवतियों, बहिनों और महिलाओं ने शौर्य यात्रा में लिया भाग
राष्ट्र सेविका समिति द्वारा घोष, नियुद्ध एवं दुर्गावाहिनी द्वारा अखाड़ा प्रदर्शन किया गया। शहर की 565 युवतियों, बहिनों और महिलाओं ने बनारसी साड़ी और मराठी वेशभूषा में हाथों में गीता, शिवलिंग, मशाल, तलवार आदि लेकर इस शौर्य यात्रा में भाग लिया।
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