भीलवाड़ा: शादी नहीं करवाने से नाराज बेटे ने 6 साल पहले अपने पिता की हत्या करने के मामले में एडीजे कोर्ट 2 ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पिछले 6 सालों से कोर्ट में इस सम्बंध में सुनवाई चल रही थी।
अपर लोक अभियोजक गिरीश कौशिक ने बताया कि 1 जून 2016 को सदर थाना क्षेत्र के कोदू कोटा गांव में रहने वाले धर्मचंद ऐरवाल पुत्र फुंदीलाल पर शौच जाते समय हथियार से हमला कर गंभीर घायल कर दिया था। धर्मचंद को हॉस्पिटल लाया गया। जहां पुलिस के पर्चा बयान में धर्मचंद ने अपने बेटे नरेंद्र ऐरवाल पर हमला करने का आरोप लगाया था। इसके बाद 10 जून 2016 को धर्मचंद की मौत हो गई थी।
तत्कालीन सदर थाना प्रभारी मृदुल कच्छावा ने आरोपी नरेंद्र ऐरवाल को गिरफ्तार कर लिया था। उससे पूछताछ में सामने आया था कि नरेंद्र अपने पिता से उसकी शादी करवाने को लेकर लम्बे समय से कह रहा था। लेकिन धर्मचंद उसकी बातों को नजरअंदाज कर रहा था। जिससे नरेंद्र अपने पिता से नाराज चल रहा था। घटना वाले दिन सुबह जब धर्मचंद जंगल में शौच कर रहा था। इस दौरान नरेंद्र ने अपने पिता पर लोहे की रायी से उसपर हमला कर दिया। एपीपी कौशिक ने बताया कि इस मामले की सूनवाई 6 साल तक चली। इसमें आरोपी के खिलाफ 20 दस्तावेज व 23 गवाह पेश किए गए। इसके बाद कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।