जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर वाकयुद्ध तेज हो गया है, दोनों नेताओं ने तीसरे दिन भी इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर निशाना साधा। राजस्थान द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर दिसंबर 2022 में लीक हो गया था जिसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। पेपर लीक में कथित संलिप्तता के आरोप में अब तक उम्मीदवारों सहित 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पिछले तीन वर्षों में, पूरे राजस्थान से पेपर लीक के आठ मामले सामने आए हैं। मंगलवार को पायलट ने कहा था, कभी प्रश्नपत्र लीक हो जाते हैं, तो कभी परीक्षा रद्द कर दी जाती है, जो बहुत ही दुखद है। उम्मीदवारों को बहुत परेशानी होती है। मुझे उम्मीद है कि सरकार छोटे-मोटे दलालों के पीछे जाने के बजाय बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
बाद में एक अन्य कार्यक्रम के दौरान गहलोत ने अधिकारियों को क्लीन चिट देते हुए कहा, जो पकड़े गए हैं, वह मास्टरमाइंड हैं, न कि छोटे-मोटे दलाल। बुधवार को पायलट ने कहा, बार-बार पेपर लीक होने पर हमें दुख होता है। इसकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जानी चाहिए। अब कहा जा रहा है कि कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। पेपर लॉक थे। तो तिजोरी में कथित तौर पर रखे कागजात छात्रों तक कैसे पहुंचे? यह जादू-टोटका है।पायलट ने झुंझुनू जिले के गुढा में एक किसान सम्मेलन में कहा, यह संभव नहीं है कि कोई अधिकारी जिम्मेदार न हो। कोई न कोई तो जिम्मेदार होगा। पायलट ने सेवानिवृत्ति के बाद अधिकारियों को दी गई राजनीतिक नियुक्तियों पर भी सवाल उठाया। पायलट ने कहा, कई लोगों को राजनीतिक नियुक्तियां दी गईं, लेकिन सरकार बनाने के लिए खून-पसीना बहाने वाले अभी भी इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वरिष्ठ अधिकारी शाम को पांच बजे सेवानिवृत्त होते हैं और उन्हें मध्यरात्रि 12 बजे नियुक्त कर दिया जाता है। सेवानिवृत्त अधिकारियों की जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पद मिलते तो अच्छा होता। हमें इसे ठीक करना होगा।