
जयपुर : राजस्थान में सचिन पायलट भले ही पिछले वर्ष 25 सितंबर को गहलोत खेमे के विधायकों की समानांतर बैठक को आलाकमान के खिलाफ बगावत बता रहे हों लेकिन राज्य में पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इसे हल्के में लेते दिख रहे हैं। संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इन आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि वह अतीत का ज्यादा बोझ नहीं उठाना चाहते।
गौरतलब है कि पायलट ने हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई उक्त बैठक से केंद्रीय नेतृत्व की अवहेलना करने वाले विधायकों के खिलाफ पार्टी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाया था। बैठक में गहलोत के वफादार विधायकों ने पार्टी द्वारा पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ अपना इस्तीफा सौंपा था। गहलोत उस समय कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में थे।
पायलट के आरोप के बारे में पूछे जाने पर राजस्थान के पार्टी प्रभारी रंधावा ने जुलाई 2020 में पायलट खेमे के विद्रोह का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि कोरोना से पहले एक विद्रोह हुआ था लेकिन वह अतीत का ज्यादा बोझ उठाने के बजाय भविष्य के बारे में बात करना चाहते हैं।
जुलाई 2020 में पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था जिसके कारण राज्य में एक महीने तक राजनीतिक संकट बना रहा। पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद यह संकट समाप्त हुआ। राजस्थान में 2018 में कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए रस्साकशी चलती रही है।