अटरू: राजकीय उप जिला अस्पताल अटरू में अव्यवस्था होने से इलाज कराने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाज नहीं मिलने से मरीजों को निराश लौट रहे है। अस्पताल का सीएचसी से पद बढाए आठ माह हो गए लेकिन व्यवस्थाएं सीएचसी से भी बदतर हो गई। यहां एक वर्ष के ज्यादा समय से सोनोग्राफी मशीन शोपीस बनी हुई है। किशनगंज से सोनोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश मीणा को यहां लगाया हुआ है। करीब 6 माह से जनरेटर खराब है। हर मंगलवार को होने वाली सोनोग्राफी के लिए दूरदराज सहित तहसील क्षेत्र से आने वाली बीमार महिलाओं को मंगलवार को सुबह 11:30 बिजली चली जाने से 2.30 बजे तक अटरू अस्पताल में सोनोग्राफी कराने के लिए मरीज बिजली का इंतजार करते है व सोनोग्राफी करवाने के लिए घर से भूखी प्यासी महिलाओं को इंतजार करना पड़ा रहा है। कई मरीजों ने बताया कि सोनोग्राफी कराने के लिए सुबह ही घर से निकले हैं। सोनोग्राफी के लिए लाइट आने का इंतजार करते है।
राजकीय उपजिला अस्पताल अटरू में अव्यवस्थाओं को आलम होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- रामलाल, ग्रामीण।
सोनोग्राफी नहीं होने के कारण महिलाओं को इलाज कराने में मुश्किल होती है। महिलाएं सुबह से शाम तक सोनोग्राफी के इंतजार में भूखी प्यासी बैठी रही है, लेकिन फिर भी काम नहीं हो पाता।
- शीलाबाई, ग्रामीण महिला।
बिजली की व्यवस्था नहीं होने से इन्तजार कर रहे हैं। 60 मरीजों की सोनोग्राफी करेंगे।
-दिनेश मीणा, चिकित्सक, राजकीय उपजिला अस्पताल, अटरू।
बीसीएमओ का कार्यालय समय सुबह 9.30 से शाम 6 बजे तक का है। बीच में सरकारी कार्य हो तो जा सकता है। अस्पताल की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त चार्ज दे रखा है। यदि बीसीएमओ कार्यालय में नहीं बैठते तो जांच कराएंगे।
- डॉ. सम्पतराज नागर, सीएमएचओ