
x
जैसलमेर। जैसलमेर पवन ऊर्जा संयंत्र से टकराकर दुर्लभ प्रवासी गिद्ध की मौत से पक्षी प्रेमी व्यथित हैं। हाईटेंशन लाइन व पवन चक्कियों से टकराकर प्रवासी पक्षियों की लगातार हो रही मौत से पर्यावरण प्रेमी काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि इस तरह पक्षी जैसलमेर से पलायन करेंगे। पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया कि पवन चक्की के पंखे से टकराकर सिनेरियस वल्चर नामक गिद्ध की मौत हो गयी. घटना भोपा और लखमाना गांव की सीमा पर हुई। पंखे से टकराकर सिनेर गिद्ध की मौके पर ही मौत हो गई।
सुमेर सिंह भाटी ने बताया कि मंगलवार को फतेहगढ़ तहसील के भोपा और लखमाना गांवों की सीमा के बीच स्थित पवन ऊर्जा संयंत्रों के पंखों से टकराकर प्रवासी प्रजाति के एक सिनेरियस गिद्ध की मौत हो गयी. वहां के चरवाहों ने गिद्ध के पवनचक्की के ब्लेड से टकराकर गिरने और मारे जाने की जानकारी दी. उन्होंने इसकी जानकारी वन विभाग व जिले के अन्य पर्यावरण प्रेमियों को दी. उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाओं से पक्षी प्रेमी काफी चिंतित हैं। उनकी मांग है कि हाईटेंशन लाइन को अंडरग्राउंड किया जाए नहीं तो प्रवासी पक्षी पलायन कर जाएंगे।
पर्यावरण प्रेमी पार्थ जगानी ने बताया कि सिनेरियस गिद्ध काले रंग, सफेद मुंह और गुलाबी चोंच वाला बड़े आकार का गिद्ध है। यह पक्षी हिमालय, मध्य एशिया और पूर्वी यूरोप के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से सर्दियों में जैसलमेर पहुंचता है। सुमेर सिंह व पार्थ जगानी ने बताया कि 9 दिसंबर को भी इसी क्षेत्र में एक पवनचक्की के ब्लेड से टकराकर एक सिनेरे गिद्ध की मौत हो गई थी. देगराई, भेलाना, लखमना और देवीकोट के ओरान इस क्षेत्र के आसपास आते हैं। इसके साथ ही वन विभाग की सीवन घास व वृक्षारोपण के कई बाड़े हैं। ऐसे में पशुधन की अधिकता के कारण इन इलाकों में 7 प्रजातियों के गिद्धों का आना-जाना सर्दियों में लगातार बना रहता है। उन्होंने बताया कि गिद्धों की कई प्रजातियां दुर्लभ और संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल हैं. हर साल इस पूरे क्षेत्र में मौजूद पवन ऊर्जा संयंत्रों के पंखे और बिजली के तारों से टकराने से मौत की घटनाओं के कारण इनकी संख्या में कमी देखी जाती है।

Admin4
Next Story