अलवर: अलवर एनसीआर क्षेत्र में शामिल अलवर में राजस्थान रोडवेज की वीआईपी सुविधाओं का अभाव है। वैसे तो यहां रोडवेज ने तीन डिपो बनाए हुए हैं, लेकिन 44 लाख की आबादी के लिए इन डिपो में एक भी वॉल्वो बस नहीं है। ऐसे में अलवर के यात्रियों को लम्बे रूटों पर भी रोडवेज की खटारा बसों में ही सफर करना पड़ रहा है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अलवर जिले में अलवर, मत्स्य नगर और तिजारा तीन डिपो हैं जिनमें करीब 210 रोडवेज बसें हैं। इनमें अधिकांश बसें सामान्य श्रेणी की हैं तथा कुछेक सेमी स्लीपर बसें हैं। किसी भी डिपो में वॉल्वो बसें नहीं हैं। जबकि यहां से अलवर जिले से दिल्ली व जयपुर के अलावा कोटा, रावत भाटा, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, अलीगढ़, बरेली, हरिद्वार, फरीदाबाद, चंडीगढ़ व कटरा आदि कई लम्बे रूटों पर बसों का संचालन हो रहा है। इन रूटों पर वॉल्वो बसें चलाई जा सकती है। जिससे रोडवेज को अधिक आय हो सकती है और यात्रियों को आरामदायक सफर।
खटारा बसों में ही खा रहे धक्के : राजस्थान रोडवेज के बेड़े में प्रदेशभर में करीब 3800 बसें हैं। सभी बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसें हैं। इनमें से काफी बसें ऐसी हैं, जो कि 10 साल की अवधि या फिर निर्धारित 10 लाख किलोमीटर पूरे कर चुकी हैं, लेकिन फिर भी इन बसों को रूटों पर चलाया जा रहा है। अलवर जिले के तीनों आगारों में भी बसों की यही स्थिति है। इन खटारा बसों को ही लम्बे रूटों पर चलाया जा रहा है। जिससे यात्रियों को रोडवेज का सफर काफी पीड़ा दायक साबित हो रहा है।