राजस्थान

कपड़े पहनते हुए बनाया वीडियो, 7 साल की बेटी ने मोबाइल पर गेम खेलते वक्त कर दिया फॉरवर्ड

Admin4
6 Dec 2022 2:12 PM GMT
कपड़े पहनते हुए बनाया वीडियो, 7 साल की बेटी ने मोबाइल पर गेम खेलते वक्त कर दिया फॉरवर्ड
x
जोधपुर। वैसे तो बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए। लेकिन, फिर भी मोबाइल देना आवश्यक है तो पैंरेंट्स को बच्चे को मोबाइल देने के बाद उसकी हरकतों पर नजर रखनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं कर पाए तो बड़ी मुश्किल में फंस सकते है। कुछ ऐसा ही मामला राजस्थान के जोधपुर जिले में सामने आया है। जहां 7 साल की बच्ची ने मोबाइल पर गेम खेलते समय एक वीडियो फॉरवर्ड कर दिया। बस फिर क्या उसकी मां की आबरू दांव पर लग गई।
दरअसल, हुआ यूं कि जोधपुर जिले में एक महिला ने ड्रेस चेंज करते वक्त खुद का ही वीडियो बना लिया। लेकिन, उसने यह कभी नहीं सोचा था कि कोई इस वीडियो को देख लेगा। कुछ ही दिनों बाद जब उसने अपनी 7 साल की बेटी को मोबाइल दे दिया तो उसने मोबाइल पर गेम खेलते वक्त वीडियो फॉरवर्ड कर दिया। इस पर कुछ बदमाशों ने महिला को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बदमाशों ने संबंध बनाने के लिए महिला पर काफी दबाव बनाया। साथ ही 25 लाख रुपए नहीं देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी।
इस पर घबराई महिला ने थाने पहुंचकर पुलिस के समक्ष गुहार लगाई। पीड़िता ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि करीब दो महीने पहले वह रिश्तेदारी में गई थी। तब आरोपियों ने उसका वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं आरोपियों ने वीडियो डिलिट करने के ऐवज में 25 लाख रुपए की डिमांड भी की। जब वह चंगुल में नहीं फंसी तो आरोपियों ने फोन कर उसे बार-बार धमकियां देना शुरू कर दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में जुटी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पंकज विश्नोई, विकास, रामजस विश्नोई, सुमित विश्नोई और रविंद्र विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है।
वैसे महिलाओं के इस प्रकार के अश्लील वीडियो, फोटोग्राफ बनाना, रखना और अपलोड करना दण्डनीय अपराध है। ऐसा करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है। ऐसे में इस घटना से पैरेंट्स को सबक लेने की जरूरत है। वैसे बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, लेकिन इसके बाद भी मोबाइल देना आवश्यक है, तो बच्चे को मोबाइल देने के बाद उसकी हर हरकतों पर नजर रखनी चाहिए। पैटर्न लॉक सहित हर तरह की गतिविधियों पर ध्यान देकर ही बच्चे को मोबाइल देना चाहिए। पैरेंट्स को कैमरे और सोशल मीडिया साइट लॉक रखनी चाहिए। पैरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए कि कम उम्र में स्मार्टफोन यूज करने से बच्चे सामाजिक तौर पर विकसित नहीं हो पाते हैं और शारीरिक तौर पर बच्चे कमजोर होने लगते हैं। ज्यादा मोबाइल का उपयोग कररने से बच्चा डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। साथ ही बच्चा चिड़चिड़ा और गुस्सैल बन सकता है।
Next Story