राजस्थान

उपराष्ट्रपति-CM की जुबानी जंग तेज, धनखड़ बोले- कोई कुछ भी कहे, मैं आता रहूंगा

Tara Tandi
8 Oct 2023 11:04 AM GMT
उपराष्ट्रपति-CM की जुबानी जंग तेज, धनखड़ बोले- कोई कुछ भी कहे, मैं आता रहूंगा
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राजस्थान विधानसभा चुनाव के माहौल के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शुरू हुई जुबानी जंग और तेज हो गई। शनिवार को दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बातें कहीं। उपराष्ट्रपति (Vice President) धनखड़ ने कहा- कोई कितनी भी टोका-टोकी करे, कितने ही हथकंडे अपना ले। लेकिन, मैं राजस्थान आता रहूंगा'। धनखड़ के इस बयान पर अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने भी पलटवार किया। गहलोत बोले- 'मैंने जो कहा सब सोच-समझकर कहा। आप मेरे घर आइए, मुख्यमंत्री आवास पर आइए, हम आपका स्वागत करेंगे'। आइए, जानते हैं कि 10 दिन में दोनों के बीच जुबानी जंग क्यों तेज हुई और इसकी शुरुआत कैसे से हुई?
सबसे पहले पढ़िए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गहलोत के गढ़ जोधपुर में क्या कहा?
बीते शनिवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ सीएम अशोक गहलोत का गढ़ माने जाने वाले जोधपुर और श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ के दौरे पर रहे। जोधपुर के काजरी में उन्होंने किसान और वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया। इस कार्यक्रम में बोलते हुए धनखड़ ने कहा- प्रदेश में मेरी यात्राओं को लेकर अनर्गल बातें करना मुझे अच्छा नहीं लगता।
मुझे समझ में नहीं आता कि एक कृषक पुत्र का किसान के प्रति समर्पण कुछ लोगों को रास क्यों नहीं आता। लेकिन, मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आपका ये कृषक पुत्र हर परिस्थिति में अपने कर्तव्य पथ आगे बढ़ता रहेगा। कोई चाहे कितनी भी टोका-टोकी करे, कितनी भी बयानबाजी करे, कितने ही हथकंडे अपना ले, कुछ भी कह दे, मैं राजस्थान आता रहूंगा। मैं कहना चाहता हूं, इतने बड़े पद की गरिमा छोटी सोच से खराब मत करो। इसकी गरिमा को समझो। छोटे राजनीतिक अखाड़ों में समझ को मत फंसाओ। मैं मानकर चलता हूं कि जिन लोगों ने ऐसा किया है वे विवेकपूर्ण सोचेंगे, समझेंगे और सही रास्ते पर चलेंगे। मैंने जिस बयान को बर्दाश्त किया है, वह सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं एक किसान पुत्र हूं। आपका किसान पुत्र संविधान और नियमों के अनुरूप काम करता है।
सीएम हाउस पर आपका स्वागत करेंगे
जोधपुर में उपराष्ट्रपति धनखड़ के दिए बयान पर सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार किया। जयपुर में चल रहे जीतो कार्यक्रम में गहलोत ने कहा- वे राष्ट्र के दूसरे नागरिक हैं। आप घर आइए, सीएम हाउस पर आपका स्वागत करेंगे। पहले भी किया है, आगे भी स्वागत करेंगे। मेरे उनके परिवार के साथ 50 साल से संबंध रहे हैं। मैंने जो कहा- सोच-समझकर कहा था। उसके मतलब क्या हैं, वह भी समझ गए, मैं भी समझ गया और जनता भी समझ गई है।
गहलोत के इन बयानों के बाद जुबानी जंग हुई तेज
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के दोरे को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने करीब 10 दिन पहले पहला बयान दिया था। उन्होंने कहा था- मैं उपराष्ट्रपति का सम्मान करता हूं। कई दशकों से उनसे अच्छे रिश्ते भी हैं। लेकिन, उन्होंने पूरा प्रदेश छान मारा है। इन दौरों में उनसे मिलने वालों में अधिकतर भाजपा के नेता ही थे। अब बस राष्ट्रपति का आना बाकी है।
गहलोत ने कहा था- भाजपा नेताओं के आने से दिक्कत नहीं है, लेकिन उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति को नहीं आना चाहिए, क्योंकि ये सांविधानिक पद हैं।
गहलोत ने एक और बयान में कहा था कि जगदीप धनखड़ अगर, राष्ट्रपति बनेंगे तब भी हम उनका स्वागत करेंगे। लेकिन, अभी तो मेहरबानी करें। राजस्थान में चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में वो बार-बार आएंगे तो लोग क्या समझेंगे?
बीते शुक्रवार को सीएम गहलोत ने एक वेबसाइट के चुनाव कार्यक्रम में कहा था- उपराष्ट्रपति हेलिकॉप्टर से एक दिन में पांच मीटिंग में गए। आप 15 दिन में आ रहे हैं, एक दिन में पांच-पांच मीटिंग कर रहे हैं। इतनी मीटिंग तो मुख्यमंत्री भी नहीं कर सकता। इससे मैसेज जाता है कि भजपा का कैंपेन चल रहा है। इससे थोड़ा संशय होना तो लाजिमी है।
उपराष्ट्रपति ने बिना नाम लिए सीकर में भी दिया था जवाब
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को सीकर में थे। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बिना नाम लिए सीएम गहलोत को जवाब दिया था। बोले- कुछ लोगों ने कहा कि आप क्यों आते हो बार-बार? मुझे समझ में नहीं आता वे ऐसा क्यों कह रहे हैं? मैं थोड़ा अचंभित हो गया। क्योंकि, कहने वाले ने न संविधान न कानून पढ़ा और न ही अपने पद की मर्यादा रखी। थोड़ा सा कानून में झांक लेते तो उन्हें पता चल जाता कि उपराष्ट्रपति की यात्रा अचानक नहीं होती है।
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