राजस्थान

अस्पताल में गांठ की जगह नस काटी, हत्या का केस

Kajal Dubey
1 Aug 2022 8:47 AM GMT
अस्पताल में गांठ की जगह नस काटी, हत्या का केस
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जयपुर, कालवाड़ थाना क्षेत्र के चिरायु अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट के आदेश पर डॉ मनोज चौधरी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच सीआई कालवाड़ को सौंपी गई है। जगदंबा नगर झोटवाड़ा निवासी कृष्णकांत जांगिड़ ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसकी 22 वर्षीय बहन निकिता जांगिड़ के बाएं पैर में गांठ थी। इलाज के लिए वह 26 अप्रैल को अपनी बहन को चिरायु अस्पताल ले गया। वहीं, मामले में डॉ मनोज चौधरी का कहना है कि झूठे तथ्यों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनकी मृत्यु डीआईसी नामक कैंसर से हुई।
पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर मनोज चौधरी ने जांच के बाद बताया कि यह सामान्य गांठ है। एक छोटा ऑपरेशन किया जाएगा और मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी। एसएमएस डॉक्टर दिनेश जिंदल इलाज के लिए आएंगे। जिसके आधार पर लड़की को भर्ती कराया गया। 27 अप्रैल को सर्जन डॉ. दिनेश जिंदल को बिना फोन किए डॉ. बच्ची का ऑपरेशन मनोज चौधरी ने किया। इसी दौरान पैर की गलत नस काट दी गई। अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण ऑपरेशन के बाद डॉ. मनोज चौधरी ने तीन यूनिट रक्त का आर्डर दिया। इसके बाद दो यूनिट ब्लड और चार यूनिट प्लाज्मा का भी ऑर्डर दिया गया। शाम को डॉक्टर मनोज चौधरी ने बताया कि निकिता की हालत गंभीर है। इसलिए वेंटिलेटर पर ले लिया।
पूछताछ करने पर डॉ. मनोज चौधरी ने बताया कि दुर्घटनावश उनकी रक्त वाहिका कट जाने के कारण खून की अधिकता हो गई थी। शरीर में खून की कमी होना। उन्हें लगातार प्लाज्मा और ब्लड दिया जा रहा है, इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। निकिता की तबीयत खराब होने पर उसे परिजन एसएमएस लेकर गए। जहां उपचार के दौरान निकिता की मौत हो गई।
9 जून को परिजन पहुंचे थाने, पुलिस ने नहीं दी सूचना
22 वर्षीय निकिता जांगिड़ की मौत के बाद परिजन नौ जून को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गए, लेकिन सीआई कालवाड़ ने मामला दर्ज नहीं किया। जिसके बाद पीड़िता ने कोर्ट में शरण ली। जिस पर कोर्ट ने थाने को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश पर दर्ज मामले की जांच अब सीआई कालवाड़ को सौंपी गई है।
डॉ. मनोज चौधरी का कहना है कि यह प्राथमिकी झूठे तथ्यों के आधार पर दर्ज की गई है। एफआईआर में कहा गया है कि ऑपरेशन डॉ. जिंदल करेंगे, लेकिन डॉ. जिंदल की 2 साल पहले कोरोना से मौत हो गई थी। जांच करने पर यह सामान्य गांठ नहीं थी। एक गंभीर कैंसरयुक्त गांठ थी। पोस्टमॉर्टम के मुताबिक, मरीज की मौत वेनिपंक्चर से नहीं हुई है। डीआईसी कैंसर के कारण होने वाली रक्त संबंधी समस्या के कारण होता है। मरीज की दर्दनाक मौत हो गई। हमारी ओर से उपचार किया गया, लेकिन मरीज की दुखद मौत हो गई।
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