अनजाने शहर में अनजान ने अनजाने के लिए की एसडीपी डोनेट
कोटा। अंजाना शहर भी अब अपना होने लगा है. कोचिंग के लिए बच्चों को पढ़ाई कराने आई मां ने एसडीपी डोनेशन कर इंसानियत का फर्ज निभाया। रक्तदान और एसडीपी डोनेशन को लेकर कोटा में जागरूकता चरम पर है। ऐसे में किसी की मदद के लिए लोग दौड़े चले आते हैं लेकिन भीषण गर्मी के मौसम में रक्त और एसडीपी दोनों की ही बेहद कमी देखी जा रही है। ऐसे में एक मासूम के दिल में छेद होने पर उसके ऑपरेशन से पूर्व एसडीपी चढ़ाई जानी थी, हमेशा की तरह मैसेज को वायरल किया गया, मल्टीस्टोरी में रहने वाली नैना पोरवाल अपने पुत्र की पढ़ाई के संदर्भ में कोटा में रहती है। इससे पूर्व भी भी वह अपनी बेटी को कोचिंग दिलाने के लिए कोटा में रही थी। कोटा के माहौल से भली-भांति परिचित होने के साथ ही यहां के सुखद माहौल में वह सेवा कार्य में निरंतर आगे रहती है।
नैना पोरवाल ने जब यह मैसेज देखा तो उनके पति अनूप पोरवाल ने भी सहमति जाहिर की और नैना एसडीपी डोनेशन करने तलवंडी स्थित अपना ब्लड सेंटर पहुंची। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के रीजन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने बताया कि कोटा में बमुश्किल 10 से 12 महिलाएं ही एसडीपी करती हैं। नैना ने एक मासूम के लिए दूसरी बार एसडीपी डोनेट की है जबकि वह इससे पूर्व 12 बार रक्तदान कर चुकी है।
नैना मूल रूप से जावरा रतलाम की रहने वाली है लेकिन वह कोटा को अब अपना घर मानने लगी है। उन्होंने कहा कि कोटा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, ऐसे में उनका भी कर्तव्य बनता है कि वह किसी अनजान की मदद को हमेशा करें। गुप्ता ने बताया कि ऐसी सोच के साथ यदि लोग रक्तदान और एसडीपी करेंगे तो किसी के जीवन में रुकावट नहीं आएगी। हम सभी को इसी सोच के साथ रक्तदान और एसडीपी करनी चाहिए।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।