पाली में एक पिता की इच्छा थी कि उसके चार्टेड अकाउंटेंट बेटे की बारात बैलगाड़ी पर जाए। जब बारात सड़क पर निकली तो देखने वाले भी दंग रह गए। इसी तरह बाड़मेर के दूल्हे मलेश राजगुरु के दादा का निधन 2012 में हो गया था। लेकिन उनकी इच्छा थी कि पोता ऊंटगाड़ी पर ही दुल्हन लेने जाए। पोते ने शादी के लिए 21 ऊंटों को दुल्हन की तरह सजाया। गले में गोरबंद लटके, चांदी और जरी की कसीदाकारी पट्टियां, पैरों में नेवरी और घुंघरू पहने ऊंट जब बारात के लिए निकले तो सेल्फी लेने वालों की भीड़ लग गई। आज से करीब 40 साल पहले शादियों में ऊंट और बैलगाड़ियों पर ही बारात निकलती थी। दो-दो दिन तक बारात रुका करती थी और शादी के फंक्शन भी लंबे चलते थे।
लेकिन मॉर्डन जमाने में हेलिकॉप्टर से दुल्हन लाने की होड़ के बीच राजस्थान के युवा बैलगाड़ियों और ऊंटों से बारात ले जाने लगे हैं। बीते दिनों ऐसी कई अनूठी शादियां हुई जहां डीजे, ऑर्केस्ट्रा की चमक-धमक से दूर पारंपरिक अंदाज में ऊंट और बैलगाड़ियों पर बारात निकली।