अनोखा प्रयोग: एमबीबीएस में प्रवेश लेते ही प्रत्येक स्टूडेंट्स में को मिलेगी एक फैमिली
जोधपुर न्यूज़: जोधपुर एम्स का फैमेली एडोप्सन का अनोखा प्रयोग शुरू किया है। इसके तहत एमबीबीएस में प्रवेश लेते ही प्रत्येक स्टूडेंट्स को एक-एक परिवार के स्वास्थ्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वे इस परिवार के प्रत्येक बच्चे सहित सभी के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखते हुए उन्हें सहायता उपलब्ध कराएंगे। एम्स जोधपुर की यह एक नई पहल है। जिसमें एम्स में प्रसव के लिए आने वाले परिवारों की सहमति के बाद फर्स्ट इयर एमबीबीएस स्टूडेट्स को उन्हे गोद दिया जाता है। स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के साथ स्थानीय स्तर पर होने वाली बीमारियों के बारे में जानना शुरू हो जाते है। इसके माध्यम से स्टूडेंट्स अपनी नॉलेज को बढ़ा सकेंगे। एम्स डीन एकेडमिक डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि इस एक यूनिक फैमिली एडोप्शन स्कीम है। यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को एक फैमिली मिल जाती है। वहीं फैमिली को एक सलाहकार डॉक्टर।
डॉ. सिंह ने बताया कि फरवरी में आए नए एमबीबीएस बैच के साथ मई में यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। अब तक करीब 95-98 स्टूडेंट्स को एक-एक फैमिली के साथ एसोसिएट किया जा चुका है। फैमिली को बताया जाता है कि आठ से पांच के बीच में स्टूडेंटस को कॉल ना करें क्योकि उस समय क्लॉस होती है। फैमिली के द्वारा बताई समस्याओं को सुनने व समझने के लिए स्टूडेंट्स को तैयार किया जाता है। स्टूडेंटस को केवल वही कॉमन सलाह देने के लिए फैमिली को कहा जाता है। किसी भी प्रकार की दवा या कोई विशेष सलाह देने के लिए स्टूडेंटस को मना किया हुआ है। समस्या बड़ी होने पर स्टूडेंट्स संस्थान में अपने टीचर्स यानि डॉक्टरों से चर्चा करता है। डॉक्टरों की तरफ से मिली सलाह से वह फैमिली के लोगों को अवगत करवा देता है। यदि किसी बीमार को भर्ती करने की आवश्यकता हो तो वह उसमें मदद उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने बताया कि परिवार की पूरी हिस्ट्री स्टूडेंटस के पास होती है। परिवार के सभी सदस्यों के नंबर होते है। जिससे वो फोन पर भी संपर्क कर सकता है। डॉ. सिंह ने बताया कि अभी यह पायलेट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया गया है। इसके नतीजों को देखने के बाद इसका विस्तार किया जाएगा।