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जयपुर (आईएएनएस)| मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को बजट 2023-24 को राजस्थान के लिए 'निराशाजनक' बताया और कहा कि उनकी कई मांगें अधूरी रह गई।
उन्होंने कहा, राज्य के लोग निराश हैं क्योंकि केंद्र राजस्थान के विकास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी मांग को खारिज कर रहा है।
उन्होंने कहा, बजट में सिर्फ सुर्खियां बटोरने वाले जुमलों का इस्तेमाल किया गया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इस साल के बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के लिए आवंटन में भारी कमी कर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इससे साबित होता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान और आम जनता विरोधी है।
इस बजट में कृषि और किसान कल्याण से जुड़ी कई फर्जी घोषणाएं की गई हैं, लेकिन कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले साल की तुलना में करीब 6 फीसदी (करीब 7,500 करोड़ रुपये) कम राशि का प्रावधान किया गया है। इसी तरह, यूरिया सब्सिडी आइटम में भी पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी (करीब 23,000 करोड़ रुपए) की भारी कमी आई है।
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा करते हुए इस बजट में पिछले वर्षों की तुलना में नगण्य वृद्धि की गई है।
पूरा देश विगत वर्षों से महंगाई, आटा, दाल, तेल, साबुन आदि के दामों की मार झेल रहा है, जो आम आदमी द्वारा दैनिक उपयोग में लाये जाते हैं, उनमें बहुत अधिक वृद्धि हो गई है, जिससे आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है।
चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपर भद्रा प्रोजेक्ट के लिए कर्नाटक राज्य को 5,300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता का प्रावधान दिया, जो राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाता है।
राज्य की जनता समय आने पर नरेंद्र मोदी सरकार को करारा जवाब देगी।
--आईएएनएस
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