राजस्थान

दिवाली के त्योहार पर भूखे रहकर आंदोलन कर रहे बेरोजगार...काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध

Shantanu Roy
3 Nov 2021 2:34 PM GMT
दिवाली के त्योहार पर भूखे रहकर आंदोलन कर रहे बेरोजगार...काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध
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राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले 21 दिन से बेरोजगार युवा सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहे हैं. बुधवार को आंदोलन पर बैठे बेरोजगार युवाओं ने भूखे रहकर छोटी दिवाली मनाई.

जनता से रिश्ता। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले 21 दिन से बेरोजगार युवा सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहे हैं. बुधवार को आंदोलन पर बैठे बेरोजगार युवाओं ने भूखे रहकर छोटी दिवाली मनाई. अब गुरुवार को भी युवा भूखे रहकर बड़ी दिवाली मनाएंगे.बेरोजगार युवाओं का 21 दिन से आंदोलन जारी है. सरकार ने आंदोलन पर बैठे युवाओं की कुछ मांगे मान ली है, लेकिन प्रमुख मांगे अभी भी शेष हैं. इन्हीं सभी मांगों को लेकर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में बेरोजगार युवा 15 अक्टूबर से आंदोलन पर बैठे हैं.

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर आदोंलन शुरू किया था. बाद में तबीयत खराब होने के कारण उपेन को अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. इनकी 21 में से कुछ मांगे भी सरकार ने मान ली, लेकिन कई प्रमुख मांगे नहीं मानी गई.
जिन्हें लेकर उपेन यादव बेरोजगार युवाओं के साथ शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहे हैं. यादव ने ऐलान किया है कि वह गुरुवार को शहीद स्मारक पर ही काली दीवाली मनाएंगे. बेरोजगारों ने बुधवार को भी भूखे रहकर छोटी दीवाली मनाई और गुरुवार को भूखे रहकर ही काली दीवाली भी मनाएंगे. शहीद स्मारक पर बुधवार को बेरोजगार युवाओं ने सिर पर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ विरोध भी जताया.
उपेन यादव ने बताया कि एक बार सरकार से भी वार्ता विफल हो चुकी है. मंगलवार रात को भी वार्ता के लिए न्योता आया था, लेकिन हम लोगों ने मना कर दिया. क्योंकि हमें आश्वासन नहीं परिणाम चाहिए. उपेन यादव ने कहा कि प्रियंका गांधी की रैली में जाने की तैयारियां भी बेरोजगारों ने शुरू कर दी है. दिसंबर में युवा जागरण अभियान चलाएंगे.
इस दौरान नेताओं का विरोध किया जाएगा. उनके पोस्टर और बैनर फाडे़ जाएंगे. यादव ने कहा कि हाल ही में नई भर्ती की घोषणा हुई है. लेकिन इसके अलावा भी कई भर्तियां हैं, जो अभी निकालना शेष है. यदि सरकार हमारी मांगे मान लेती है तो हम प्रियंका गांधी की रैली में जाना भी निरस्त कर देंगे साथ ही सरकार का साथ देंगे.


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