जयपुर। लाल डायरी के बहाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सियासी हमला करने वाले बर्खास्त राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बाद अब उदयपुरवाटी नगरपालिका अध्यक्ष रामनिवास सैनी को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
सैनी को गुढ़ा का बेहद करीबी बताया जा रहा है। गुढ़ा ने आरोप लगाया था कि इस लाल डायरी में उन करोड़ों रुपए का हिसाब-किताब है जो राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा और निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त में खर्च किए गए थे।
हालांकि दो दिन पहले उन्होंने बयान दिया था कि पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ के घर से लेकर वह लाल डायरी सीएम अशोक गहलोत के कहने पर जला दी थी। गुढ़ा को अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे में माना जा रहा है।
स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक हृदेश कुमार शर्मा की ओर से जारी निलंबन आदेश में नगरपालिका अध्यक्ष रामनिवास सैनी पर पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2022 के दौरान नगरपालिका उदयपुरवाटी ने बागवान के 4 पदों पर भर्ती की थी। जबकि ये पद स्वीकृत ही नहीं थे।
नगरपालिका अध्यक्ष ने आपस में मिलीभगत करके जिन 4 लोगों को बागवान के पद पर नियुक्ति दी थी, वे आपस में रिश्तेदार हैं। जांच रिपोर्ट में यह भर्ती अनियमित पाई गई। निलंबन से पहले नगरपालिका अध्यक्ष रामनिवास सैनी को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था। इस संबंध में सैनी के जवाब को संतोषजनक नहीं माना गया है।