राजस्थान: उदयपुर के ऋषभदेव में 15 दिन पहले हुआ सड़क डामरीकरण बारिश से बुरी तरह उखड़ गया। 30 लाख रुपए लागत से हुआ डामरीकरण रेती की तरह बिखरकर हाथ में आ गया। स्थानीय ग्रामीण डामरीकरण में घटिया सामग्री होने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं मामले में पीडब्ल्यूडी के अफसरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।
मामला ऋषभदेव के तपाना गांव और गोरी गांव के बीच 3 किमी लंबी सड़क का है, जो करीब 15 दिन पहले बनकर तैयार हुई थी. खेरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी खेरवाड़ा ने टेंडर जारी कर डामरीकरण का ठेका दिया है। ठेकेदार ने करीब दो सप्ताह पहले ही सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया था। तभी से लोग डामरीकरण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे थे।
भारी वाहन संचालन से जर्जर हुई एक्सईन बोले-रोड
मामले में जब पीडब्ल्यूडी एक्सईन नटवर कुमार से ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री के इस्तेमाल के बारे में पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. एक्सईएन ने बताया कि भारी वाहनों के संचालन से डामर उखड़ गया है। इसके लिए ठेकेदार को पाबंद किया गया है, उसे यह डामरीकरण वापस करना होगा। टेंडर शर्तों के मुताबिक ठेकेदार को 3 साल तक सड़क की मरम्मत का काम करना होगा.
क्षतिग्रस्त व टूटी सड़क से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है
उबड़-खाबड़ सड़क पर गड्ढे बन गए हैं वहीं पूरी सड़क धंसी हुई नजर आ रही है। लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों की अनदेखी के कारण ठेकेदार ने लापरवाही बरती है, जिसके कारण 15 दिन से अधिक समय तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका.
गुणवत्ता के साथ नहीं हुआ सड़क का डामरीकरण:सरपंच
स्थानीय सरपंच दिलीप कलासुआ ने बताया कि सड़क में गुणवत्ता के साथ डामरीकरण नहीं होने और भारी वाहनों के कारण सड़क जगह-जगह से उखड़ गई है. विभाग को इस पर गौर करना चाहिए.