Udaipur: सोनोग्राफी घूसकांड में सीएमएचओ सहित 7 जांच के घेरे में
उदयपुर: सोनोग्राफी सेंटर संचालक से सवा लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जुल्फिकार अहमद काजी के बाद चिकित्सा विभाग के अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एसीबी के बाद चिकित्सा विभाग से जुड़े पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के निर्देश पर जयपुर ब्यूरो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित 8 सदस्यों के साथ उदयपुर स्वास्थ्य भवन में रिकॉर्ड खंगाल रहा है. यहां टीम के अलग-अलग सदस्यों ने बारी-बारी से पीसीएनडीटी समन्वयक मनीषा भटनागर और सीएमएचओ डाॅ. शंकरलाल बामनिया से उनके कार्यालय में पूछताछ की गई. इस दौरान जिले में संचालित 98 सोनोग्राफी सेंटरों से संबंधित विभिन्न दस्तावेज भी जुटाए गए। ब्यूरो की जांच भी जारी रहेगी. टीम ने जांच के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की है. मामले में जेडी डाॅ. काजी और अन्य अधिकारियों के साथ दलाली करने वाले मशहूर लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है.
जेडी काजी को 1.25 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था: जेडी डाॅ. जुल्फिकार को रविवार 11 अगस्त को अपने सरकारी कार्यालय में 1.25 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने ट्रैप किया था. रेवावा इनफर्टिलिटी हॉस्पिटल से सोनोग्राफी रजिस्टर वापस करने, मशीन को राजसमंद में शिफ्ट करने से पहले सील करने और उसे डिस्टर्ब नहीं करने की एवज में 26 जुलाई को डॉ. काजी से रिश्वत की मांग की गई थी.