राजस्थान

दो अध्यापक अच्छा मुनाफा कमाने के चक्कर में 19.95 लाख रुपए गंवा बैठे, मामला दर्ज

Admin Delhi 1
23 July 2022 7:12 AM GMT
दो अध्यापक अच्छा मुनाफा कमाने के चक्कर में 19.95 लाख रुपए गंवा बैठे, मामला दर्ज
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सिटी न्यूज़: भरतपुर के दो सरकारी शिक्षकों ने महज 10 लाख का निवेश कर 4 साल में 5 करोड़ रुपए कमाने के लालच में 19.95 लाख रुपए गंवाए। उनका कहना है कि उन्हें ग्लोबल बिजनेस में अच्छा मुनाफा कमाने का बहाना दिया गया। आरोपी ने पूर्व पार्षद सौरभ ढक के घर फोन किया और अच्छा मुनाफा न होने व जमा राशि वापस करने की मांग करने पर धमकी दी। इस मामले में मथुरा गेट थाने में 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हलक (कुम्हेर) निवासी पीड़ित योगेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि वह और उसका चचेरा भाई टीकम सिंह सरकारी शिक्षक हैं। करीब 3 साल पहले 19 अप्रैल 2019 को खेरापति मोहल्ला निवासी विजय गर्ग अपने घर आया था। उन्होंने कहा कि मैं और मेरे बड़े भाई गौरव और भाभी चेतना अग्रवाल एक बड़े वैश्विक कारोबार में काम कर रहे हैं। मामा रवींद्र अग्रवाल और मामा गीता दिल्ली मंडल के परियोजना प्रमुख हैं। अन्य रिश्तेदार आशीष गोयल, रामेश्वर दयाल, प्रमोद अग्रवाल, आशीष सीए, प्रतीक सिंघल, डॉ. सुप्रिया, डॉ. राजकुमार सिंघल और माधुरी अग्रवाल भी कंपनी में शीर्ष पदों पर हैं। वे लोग खुद प्रोजेक्ट में पैसा लगाते हैं और दूसरों से प्राप्त भी करते हैं।

अगर आप इसमें 10 लाख रुपए निवेश करते हैं तो 4 साल बाद आपको 5 करोड़ रुपए मिलेंगे। बोनस भी हर महीने मिलेगा। आरोपी मोबाइल एप जूम पर मीटिंग करता था। कई लोगों ने उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा और उन्हें बिजनेस का फंडा बताया। किताबें और वीडियो देकर पढ़ने और देखने को कहा। वह दूसरों को व्यापार में पैसा लगाने के लिए मजबूर करता था। लेकिन, अच्छा मुनाफा नहीं होने पर हमने रुपये लौटाने को कहा तो आरोपी ने 4 बार में 54940 रुपये लौटा दिए।

उन्होंने कमरे में बंधक बना लिया और इस्तीफा देने की धमकी दी: पीड़ित शिक्षक का कहना है कि 24 मई को विजय गर्ग ने पूर्व पार्षद सौरभ धाऊ के घर फोन किया था. जब भाई टीकम सिंह वहां पहुंचे तो विजय और 3-4 अन्य लोगों ने उन्हें कमरे में बंधक बना लिया। धमकी देकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और लेटर हेड पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। इसके साथ ही हमें 5.35 लाख रुपये दिए और बताया कि अकाउंट सेटल हो गया है।

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