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भीलवाड़ा: भारत विकास परिषद् की विवेकानंद शाखा की ओर से चलाए जा रहे नेत्रदान प्रकल्प से प्रेरणा पाकर कोगटा परिवार में मौत होने पर परिजनों ने मृतक का नेत्रदान करवाया। शाखा के अध्यक्ष बालमुकुंद डाड एवं सचिव गिरीश अग्रवाल ने बताया कि काबरा गली, भोपालगंज में रहने वाले बालमुकुन्द कोगटा के निधन पर उनके परिजनों ने भारत विकास परिषद की विवेकानंद शाखा की प्रेरणा से उनका नेत्रदान करवाया। इस प्रक्रिया को वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुरेश भदादा के निर्देशन में रामस्नेही आई बैंक टेक्नीशियन ने दोनों नेत्रों का सफलता पूर्वक उत्सर्जन किया। परिजनों को खुशी है कि इन नेत्रों से दो व्यक्तियों को नेत्रज्योति मिल सकेगी।
नेत्रदान करवाने में राजेंद्र कोगटा, नारायण मूंदड़ा, अशोक बाहेती ने प्रेरक की भूमिका निभाई। अशोक बाहेती ने बताया कि नेत्रदान संसार का सबसे बड़ा दान होता है। नेत्रदान से दुनिया में दो नेत्रहीन को रोशनी मिलती है। धन्य हैं वह पुण्य आत्मा, जिसने अपने नेत्रों का दान कर दो नेत्रहीन व्यक्तियों को अपने नेत्रों से देखने का वरदान दिया है। इस मौके पर परिषद परिवार ने कोगटा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नेत्र दानदाता कोगटा परिवार का आभार व्यक्त किया। नेत्रदान करते वक्त परिवार के जगदीश कोगटा, राहुल कोगटा, विकास कोगटा मौजूद थे।
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