कोटा: औद्यौगिक से शिक्षा नगरी और अब पर्यटन नगरी के रूप में पहचान बनाने जा रहे कोटा शहर में जिस तेजी से जनसंख्या व वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उसे देखते हुए शहर का संस्थागत ढांचा(इंफ्रा स्ट्रक्चर) तैयार किया गया है । वह अगले 20 साल आगे की संभावनाओं को देखते हुए किया गया है। ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए शहर में फ्लाई ओवर व अंडरपास का निर्माण कराया गया है। अगले 20 साल तक शहर में नए फ्लाई ओवर व अंडरपास बनाने की जरूरत महसूस नहीं होगी। तीन साल पहले तक कोटा जिस स्थिति में था। उस समय के शहर को देखने के बाद वर्तमान कोटा शहर को देखने पर उसका नक्शा ही बदला हुआ नजर आने लगा है। बरसों पहले बने चौराहों की सूरत बदल गई है। शहर में हर थोड़ी दूरी पर फ्लाई ओवर व अंडरपास बन चुके हैं। सड़कों की चौड़ाई इतनी हो गई है कि उनसे वाहन आसान से निकल सके। शहर में कई जगह पर ट्रैफिक के के दबाव को कम करने व लोगों को अधिक लम्बा चक्कर काटने से राहन देने के लिए कई जगह पर बाईपास रोड बनाए गए हैं। शहर का मास्टर प्लान तो वर्ष 2031 तक के लिए तैयार किया गया है। लेकिन शहर का विकास अगले 20 साल की संभावनाओं को देखते हुए किया गया है।
फ्लाई ओवर व अंडरपास से हुआ ट्रैफिक सुगम
नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में जिस तरह से विकास कार्य करवाए गए हैं उससे ट्रैफिक सुगम हुआ है। न्यास की ओर से शहर को ट्रैफिक लाइट सिग्नल फ्री बनाने के लिए झालावाड़ रोड पर अनंतपुरा चौराहे पर फ्लाई ओवर, गोबरिया बावड़ी चौराहे पर फ्लाई ओवर, गोबरिया बावड़ी चौराहे पर अंडरपास, विज्ञान नगर में फ्लाई ओवर, एरोड्राम चौराहे पर अंडरपास, कोटड़ी चौराहे पर ग्रेड सेपरेटर, अंटाघर चौराहे पर अंडरपास का निर्माण कराया है। उसी तरह से गुमानपुरा में इंदिरा गांधी सर्किल पर फ्लाई ओवर व बूंदी रोड स्थित महाराणा प्रताप सर्किल पर फ्लाई ओवर, बूृंदी रोड पर आरओबी, डीसीएम रोड पर आरअबी व रंगपुर में आरओबी बनने से यातायात का आवागमन सुगम हुआ है। नाग नागिन मंदिर रोड कैनाल से पास अंडरपास का भी निर्माण किया गाय है।
हर साल बढ़ रही 50 हजार की आबादी
कोटा में हर साल करीब 50 हजार की आबादी बढ़ रही है। सांख्यिकी विभाग से प्राप्त आंकड़ों व जानकारी के अनुसार कोटा शहर की आबादी वर्ष 1951 में मात्र 65 हजार 107 थी। वह अगले 50 साल वर्ष 2001 में बढ़कर 7 लाख 4 हजार 731 हो गई। इसके बाद जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ी वह वर्ष 2011 में बढ़कर 10 लाख 1 हजार 365 हो गई। हर दस साल में होने वाली जनगणना के अनुसार वर्ष 2021 में कोटा की आबादी बढ़कर 15 लाख केपार हो गई है। पिछले 20 साल में आबादी 7 लाख से बढ़कर 15 लाख हो गई है। इस हिसाब से हर साल करीब 50 हजार की आबादी बढ़ रही है। उसकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए शहर का संस्थागत विकास किया गया है।
चिकित्सा व खेल के क्षेत्र में भी विकास
शहर में हर तरह के संस्थागत विकास को ध्यान में रखा गया है। जिसके तहत एमबीएस व जेके लोन अस्पताल में नए ओपीडी ब्लॉक बनाए गए हैं। गुमानपुरा में खेल संकुल और नयापुरा में इनडोर स्टेडियम बनाया गया है। आईएल में आॅक्सीजोन सिटी पार्क और चम्बल नदी के किनारे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चम्बल रिवर फ्रंट बनाया गया है। इनके साथ ही शहर के सभी चौराहों का विकास व सौन्दर्यीकरण किया गया है।
हर साल बढ़ रहे 5 से 6 हजार वाहन
शहर में जिस तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है। उसी अनुपात में वाहनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों व जानकारी के अनुसार कोटा में वर्तमान में 4 लाख 23 हजार 275 वाहन पंजीकृत हैं जो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जिनमें से 3 लाख 23 हजार 341 तो दो पहिया वाहन हैं। 90 हजार 999 कारें व जीप हैं। 8189 भारी वाहन व 746 बसें हैं। आंकडों के अनुसार कोटा शहर में हर साल करीब 5 से 6 हजार नए वाहन पंजीकृत हो रहे हैं। उनमें दो पहिया व चार पहिया वाहनों की संख्या अधिक है। जबकि व्यवसायिक व भारी वाहन अपेक्षाकृत कम हैं। हालत यह है कि हर घर में परिवार के सदस्यों के हिसाब से वाहन हैं। कारों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
बहुमंजिला पार्किंग से वाहन व्यवस्था सुधरी
वाहनों की बढ़ती संख्या से उन्हें खड़ा करने के लिए पार्किंग की समस्या होने लगी थी। जिसे देखते हुए नगर विकास न्यास व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए की लागत से गुमानपुरा में बहुमंजिला जी प्लस थ्री पार्किंग बनाई गई है। जयपुर गोल्डन में भी बहुमंजिला पार्किंग बनाई गई है। जहां चार पहिया व दो पहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। यहां सीसीटीवी कैमरे व लिफ्ट भी लगाई गई है। इसी तरह श्रीपुरा में विकास भवन में भी पार्किंगे बनाई गई है।
इनका कहना है
शहर का मास्टर प्लान तो वर्ष 2031 तक का तैयार है। लेकिन कोटा में नगर विकास न्यास के द्वारा जिस तरह से अंडरपास व फ्लाई ओवर और सड़कों को चौड़ा किया गया है। साथ ही अन्य विकास कार्य करवाए गए हैं। करोड़ों की लागत से हुए ये विकास कार्य शहर की आबादी व वाहनों की संख्या को देखते हुए अगले 20 साल तक के लिए पर्याप्त है।
- महावीर मीणा, वरिष्ठ नगर नियोजक
कोटा में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिनमें दो पहिया व चार पहिया वाहन अधिक हैं। जबकि भारी वाहन व व्यवसायिक वाहनों की संख्या कम है। बैटरी चालित वाहनों का चलन अधिक होने से लोग इन्हें अधिक खरीद रहे हैं। फिर भी हर साल करीब 5 से 6 हजार नए वाहन पंजीकृत हो रहे हैं।
- दिनेश सागर, एआरटीओ कोटा
स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के मार्ग दर्शन व निर्देशन में उनके विजन के हिसाब से विकास कार्य हो रहे हैं। शहर को ट्रैफिक सिग् नल फ्री बनाने व ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए अंडरपास व फ्लाई ओवर, वाहनों के लिए बहुमंजिला पार्किंग, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिवर फ्रंट व आॅक्सीजोन, चिकित्सा में नए अस्पताल, खेलों के लिए खेल संकुल समेत हर क्षेत्र में जिस तरह से संस्थागत विकास किया गया है। वह कोटा के अगले 20 साल से अधिक की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
- राजेश जोशी, सचिव, नगर विकास न्यास