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32वें सड़क सुरक्षा सप्ताह की औपचारिक शुरुआत बुधवार को हुई। हालांकि शहर के यातायात को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई कार्ययोजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई है। वाहन पार्किंग, अंडरब्रिज में पानी भरने, बेतरतीब स्पीड ब्रेकर, बंद ट्रैफिक लाइट, फुटपाथ पर अतिक्रमण और आवारा मवेशियों के जमावड़े से रहवासी परेशान हैं। एएसपी के निर्देश पर यातायात पुलिस उपाधीक्षक ने गत 14 जुलाई को 11 बिंदुओं की कार्ययोजना तैयार की थी. जिसमें मुख्य रूप से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी यातायात पुलिस के साथ नगर परिषद, यूआईटी व परिवहन विभाग को सौंपी गई थी. यह रिपोर्ट एसपी और कलेक्टर को सौंपी गई है। लेकिन करीब छह माह बीत जाने के बाद भी योजना पर अमल नहीं हो सका।
गंगापुर चौराहा, लीलैंड चौराहा, सर्किट हाउस, अजमेर तिराहा, गायत्री आश्रम चौराहा, जेल चौराहा, श्री गेस्ट हाउस, सांगानेरी गेट चौराहा, बदला चौराहा, भीमगंज चौराहा, नगर परिषद चौराहा, गोल
प्याऊ चौराहा और सूचना केंद्र चौराहा। पार्किंग की समस्या- अधिकांश परिसरों में पार्किंग की सुविधा नहीं है। दुकानदार और ग्राहक अपने वाहन सड़क पर खड़े कर देते हैं। नगर परिषद द्वारा सड़क की चौड़ाई के अनुसार डामरीकरण कार्य न होने के कारण दुकानदारों ने अपनी दुकानों के बाहर कंक्रीट के रैम्प बना दिये. आवागमन बाधित है।

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