कोटा: कोटा सिटी को स्मार्ट सिटी का लुक दिए जाने के बावजूद अभी तक ट्रैफिक व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किए जाने के मामले में स्थाई लोक अदालत ने पुलिस अधीक्षक तथा डिप्टी एसपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। मामले में आगामी सुनवाई 24 मई को होगी। इस मामले में एडवोकेट लोकेश कुमार सैनी ने न्यायालय में पेश एक जनहित याचिका में बताया कि कोटा सिटी एक शिक्षा नगरी के रूप में जानी जाती है। कोटा शहर स्मार्ट सिटी के रूप में परिवर्तित होने के अंतिम चरण में चल रहा है। जिससे यहां के चौराहों को सुंदरता में बदला जा रहा है तथा सड़कें चौड़ी की जा रही हैं। शहर की प्रसिद्ध इमारतों का हेरिटेज लुक दिया जा रहा है। इसके बावजूद यहां की ट्रेफिक व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। याचिका में बताया गया कि शहर को सिग्नल फ्री बनाने के लिए यूआईटी ने कई फ्लाइओवर, अंडरब्रिज बनाए हैं। परन्तु शहर के आॅटो चालकों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। यहां आॅटो चालक अपनी मन मर्जी से आॅटों को पार्किंग कर देते हैं तथा जहां ना तहां सड़क पर रोक कर सवारियों को बैठाने लग जाते हैं। वे ये भी नहीं देखते हैं कि सड़क पर आॅटो रोकने से बड़ा हादसा हो सकता है। आॅटो चालकों के सड़क पर ही आॅटो को रोकने से पीछे से आने वाले वाहन चालक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ हादसा की संभावना बढ़ जाती है।
शहर के प्रमुख चौराहों अव्यवस्थित तरीके से अपने आॅटो खड़े कर देते हैं। जिससे लोगों को आवाजाही पर विपरीत असर पड़ता है। शहर को सबसे व्यस्तम क्षेत्र सब्जी मंडी में आॅटो चालक आॅटो स्टैंड पर खड़ा नहीं करते हैं। जिससे बाजार में जगह-जगह आॅटो खड़े होने से लोगों को परेशानी होती है। यहां पर यातायात के नियमों की कोई पालना नहीं की जा रही है। शहर के नयापुरा बस स्टैंड पर बीच रोड पर आॅटो खड़ा कर रास्ता ही बंद कर देते हैं। जिससे स्टेैंड से आने वाले यात्रियों को रास्ता ही नहीं मिल पता है। आॅटों चालकों यही नहीं कोटा शहर के प्रत्येक स्थान पर यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस की अनदेखी के चलते आम लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।