Tonk: प्रहलाद गुंजल ने बताया समरावता पैकेज को छलावा, सरकार पर जमकर बरसे

टोंक: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी सामने आई है। कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने समरावता पीड़ितों को लेकर राज्य सरकार पर करारा तंज कसते हुए कहा कि सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। गुंजल का यह बयान सरकार द्वारा हाल ही में घोषित राहत पैकेज को लेकर आया है, जिसे समरावता क्षेत्र में प्रभावित लोगों की सहायता हेतु घोषित किया गया था।
प्रहलाद गुंजल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य सरकार की ओर से जो सहायता राशि घोषित की गई है, वह न केवल अपर्याप्त है बल्कि पीड़ितों की पीड़ा और हानि के अनुपात में बेहद नगण्य है। उन्होंने कहा, "सरकार सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। जिन लोगों ने अपनी जिंदगी की कमाई गंवा दी, मकान-ज़मीन नष्ट हो गई, उनके लिए यह सहायता राशि मज़ाक से कम नहीं है।"
गुंजल ने जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी पर भी निशाना साधते हुए उनके उस बयान की कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने एसडीएम का बचाव किया था। गुंजल ने कहा कि जब जनता पीड़ा में है, तब सरकार के मंत्री प्रशासनिक अधिकारियों का पक्ष लेकर जनता के घावों पर नमक छिड़कने जैसा काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "एसडीएम की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है और प्रशासनिक लापरवाही के चलते हालात बिगड़े। ऐसे में मंत्रीजी का बचाव करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को जनता के साथ खड़े होने की ज़रूरत है, न कि अधिकारियों के बचाव में वक्तव्य देने की।"
प्रहलाद गुंजल ने मांग की कि समरावता पीड़ितों के लिए विशेष राहत पैकेज, पुनर्वास योजना और घरों के पुनर्निर्माण हेतु सहायता की व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने पीड़ितों की समस्याओं को लेकर जल्द ही धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी।
गुंजल के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या वास्तव में समरावता पीड़ितों के लिए राहत राशि में किसी प्रकार की बढ़ोतरी या नई योजना की घोषणा की जाती है।
फिलहाल, समरावता के पीड़ित न्याय और वास्तविक मदद की उम्मीद में सरकार की ओर देख रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार की जवाबदेही तय करने में जुटा है।
