राजस्थान

कल 1 हजार स्टूडेंट्स को मुख्यमंत्री खुद देंगे मोबाइल; जानिए- कौनसी कंपनी के होंगे

SANTOSI TANDI
9 Aug 2023 10:29 AM GMT
कल 1 हजार स्टूडेंट्स को मुख्यमंत्री खुद देंगे मोबाइल; जानिए- कौनसी कंपनी के होंगे
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जानिए- कौनसी कंपनी के होंगे
40 लाख महिलाओं का फ्री स्मार्टफोन का इंतजार खत्म होने वाला है। कल यानी गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फ्री स्मार्टफोन योजना की शुरुआत करेंगे। पहले दिन एक हजार स्कूल और कॉलेजों स्टूडेंट्स को सीएम खुद स्मार्टफोन देंगे। प्रदेश में 1 करोड़ 40 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने हैं। पहले फेज में 40 लाख महिलाओं को मोबाइल मिलेंगे।
योजना की घोषणा होने के बाद पात्र महिलाओं और उनके परिवार के लोगों में उत्सुकता थी कि मोबाइल किस कंपनी का है? कौनसा मॉडल है? दिखता कैसा है? स्मार्टफोन कैसे मिलेगा? क्या डाॅक्युमेंट्स चाहिए होंगे? कैसे पता चलेगा कि मेरा नाम पात्र महिलाओं की सूची में है या नहीं?
भास्कर ने इन सभी सवालों के जवाब जुटाए, साथ ही लॉन्च से एक दिन पहले आपको दिखा रहा है फ्री स्मार्ट फोन की पहली झलक...
कौनसी कंपनी के फ्री स्मार्टफोन मिलेंगे?
अभी राज्य सरकार दो कंपनियों रियल-मी और रेड-मी कंपनी के स्मार्टफोन उपलब्ध करवाएगी। कुछ समय बाद दूसरी कंपनियों नोकिया, सैमसंग के भी फोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। रेड-मी का मॉडल ए-2 जिसकी कीमत 5,999 रुपए है। रियल-मी का मॉडल सी 30 है। इसकी कीमत 6,125 रुपए है।
तय से कम कीमत का मोबाइल खरीदा तो क्या और ज्यादा कीमत का खरीदा तो क्या?
सरकार की ओर से मोबाइल हैंडसेट खरीदने के लिए 6125 रुपए और सिम कार्ड सहित डेटा प्लान खरीद के लिए 675 रुपए देगी। अगर कोई लाभार्थी 5999 रुपए कीमत का फोन खरीदता है तो शेष 126 रुपए उसके ई-वॉलेट में ही रहेंगे। जिसे वह अपने हिसाब से कहीं भी उपयोग कर सकेगा। इसी तरह अगर कोई लाभार्थी मोबाइल हैंडसेट 6125 रुपए से ज्यादा महंगा खरीदता है तो उसे डिफरेंस राशि अपनी जेब से देनी होगी।
जयपुर में बनाए गए कैंप में फ्री स्मार्टफोन के लिए रजिस्ट्रेशन कराती युवतियां।
जयपुर में बनाए गए कैंप में फ्री स्मार्टफोन के लिए रजिस्ट्रेशन कराती युवतियां।
स्मार्ट फोन लेने के लिए क्या करना होगा?
शिविर में सबसे पहले आईजीएसवाई पोर्टल पर लाभार्थी का ई-केवाईसी किया जाएगा। केवाईसी होने के बाद लाभार्थी के मोबाइल फोन पर जनाधार ई-वॉलेट इंस्टॉल किया जाएगा।
इसके बाद लाभार्थी के पैन कार्ड का डिटेल आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज करने के बाद तीन प्रकार के फॉर्म प्रिंट करके उसे दिए जाएंगे।
लाभार्थी इन फॉर्म को लेकर मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के काउंटर पर जाकर सिम और डाटा प्लान का चयन करेगा। इसके बाद मोबाइल कंपनी के काउंटर पर जाकर अपनी इच्छा अनुसार मोबाइल फोन का चयन करेगा।
इस सब के बाद भरे हुए फॉर्म को लेकर लाभार्थी अगले काउंटर पर जाएगा, जहां भरे हुए दस्तावेजों को स्कैन कर आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज किए जाएंगे।
यह प्रक्रिया पूरी होते ही लाभार्थी के ई-वॉलेट में 6800 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। जिससे वह मोबाइल फोन और सिम कार्ड खरीदेगा।
कैसे पता चलेगा मुझे फ्री मोबाइल मिलेगा या नहीं?
जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि 10 अगस्त को जिन लोगों को फोन दिए जाएंगे, उनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जयपुर जिले में 28 जगहों पर शिविर लगाकर रजिस्ट्रेशन किया गया है। जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जाना है, उनको मोबाइल फोन पर मैसेज के जरिए सूचना दी गई है। उन्होंने बताया कि लाभार्थी को शिविर में अपना जनाधार कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और जनाधार कार्ड में दर्ज मोबाइल फोन लाना जरूरी है। वहीं, पढ़ने वाली छात्राओं को अपने साथ आईडी कार्ड या एनरोलमेंट कार्ड और विधवा नारी को पीपीओ साथ लाना है।
फ्री मोबाइल के लिए कैंप लगाने की जरूरत क्यों है?
राज्य सरकार की योजना है कि महंगाई राहत कैंप की तरह ही फ्री मोबाइल कैंप लगाए जाएं, जहां महिलाएं पहुंचेंगी और मोबाइल खरीद सकेंगी।
दरअसल, राज्य सरकार स्मार्ट फोन योजना की ब्रांडिंग महंगाई राहत शिविर से भी अधिक जोर-शोर से करना चाह रही है। सरकारी अमले के साथ डिजाइन बॉक्स्ड कंपनी भी ब्रांडिंग के लिए योजना तैयार करने में जुटी है। डिजाइन बॉक्स्ड कंपनी की सलाह के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार दोनों की ब्रांडिंग की जाएगी।
पहले किन परिवारों की महिला मुखिया को मिलेगा मुफ्त स्मार्टफोन?
पहले चरण में यूं तो 40 लाख महिलाओं को चुना जाएगा, लेकिन उन चिरंजीवी परिवारों को स्मार्ट फोन पहले दिया जाएगा, जिन परिवारों की बच्चियां सरकारी स्कूल की 10वीं से 12वीं कक्षा तक में पढ़ती हैं। या फिर उच्च शिक्षण संस्थानों (महाविद्यालय, आईटीआई या पॉलिटेक्निक) में, उन्हें इस स्कीम का लाभ पहले फेज में दिया जाएगा।
इसके अलावा विधवा या एकल नारी पेंशन पाने वाली महिलाओं को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
मनरेगा में वर्ष 2022-23 में 100 दिन काम करने वाले परिवार को प्राथमिकता दी जाएगी।
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तरत वर्ष 2022-23 में 50 दिन कार्य दिवस पूरा करने वाले परिवार।
ये रहेंगी शर्तें : अगर जनाधार मुखिया की मृत्यु हो चुकी है तो उनके बच्चे भी लाभार्थी बन सकते हैं। शर्त यही है कि उम्र 18 साल से कम होने पर उन्हें परिवार के मुखिया का आधार कार्ड या जन आधार कार्ड साथ लाना होगा। साथ ही उस मुखिया की भी उपस्थिति अनिवार्य है।
शिविर में स्मार्टफोन के लिए 6 जोन बनाए जाएंगे : आइए आपको पूरी प्रोसेस समझाते हैं कि सरकार जो शिविर लगाएगी, वहां मोबाइल कैसे मिलेगा?
जोन - 1 : हेल्प डेस्क फॉर डॉक्यूमेंट चैक एरिया
हेल्प डेस्क टीम को जन आधार कार्ड, जन आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की पहचान, आधार कार्ड, फोटो एवं अन्य ई-केवाईसी के लिए दस्तावेज चेक करवाने होंगे। अगर कोई कमी होगी तो उसे डॉक्यूमेंट पूरे करने के लिए कहा जाएगा।
सारे दस्तावेज चेक होने के बाद लाभार्थी को फोन प्राप्त करने की पूरी जानकारी दी जाएगी। बताया जाएगा कि फोन में जन आधार ई-वॉलेट एप कैसे डाउनलोड करना है, सिम कहां से मिलेगी वगैरह।
जोन - 2 : प्री रजिस्ट्रेशन काउंटर्स एंड एलिजिबिलिटी चैक
यहां DOIT के अधिकारी लाभार्थी की पात्रता की पहचान करेंगे कि आप इस योजना के पात्र हैं या नहीं। इसके लिए वे अपने पास मौजूद लिस्ट में आपके मोबाइल नंबर का मिलान करेंगे। आप पात्र हुए तो जन आधार कार्ड, ई-वॉलेट, केवाईसी फॉर्म, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के फॉर्म यहीं भरवा लिए जाएंगे।
जोन - 3 : सिम सिलेक्शन एंड सेल्स काउंटर
यहां आपको टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां मिलेंगी। जैसे- एयरटेल, जियो, वोडाफोन-आइडिया, बीएसएनएल इत्यादी। यहां लाभार्थी ई-केवाईसी भरने के बाद अपनी पसंद के नेटवर्क की सिम और डेटा प्लान कौनसा लेना है 4जी या 5जी ये भी चुन सकेगा।
जोन - 4 : फोन सिलेक्शन एंड सेल्स काउंटर
यहां लाभार्थी को अधिकृत मोबाइल कंपनियों के डीलरों से आप अपनी पसंद का मोबाइल फोन खरीद सकेंगे। यहां कंपनियां आपको कई स्मार्टफोन के ऑप्शन देंगी। लाभार्थी अपनी मर्जी से किसी भी कंपनी के डीलर के पास जाकर 4जी या 5जी में से कोई भी फोन खरीदने के लिए आजाद होंगे।
जोन - 5 : डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)
लाभार्थी के ई-वॉलेट केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
लाभार्थी की ओर से चुने गए मोबाइल एवं सिम की जानकारी मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना (MDSY) प्लेटफॉर्म में एंट्री की जाएगी।
अब सरकार की ओर से फिक्स 6800 रुपए ई-वॉलेट के माध्यम से लाभार्थी को ट्रांसफर हो जाएंगे।
अब अगर लाभार्थी ने महंगा मोबाइल पसंद किया है तो उसे सरकार से मिले 6800 रुपए के साथ-साथ बाकी के पैसे अपनी जेब से डीलर को देने होंगे।
जोन - 6 : डिजिटल हैंड होल्डिंग एरिया
यहां लाभार्थी को कई तरह की डिजिटल एक्टिविटी करवाई जाएगी, ताकि स्मार्टफोन को चलाने का तरीका, उसमें न्यूज पढ़ने, सरकार की स्कीम पढ़ने का तरीका बताया जाएगा।
LIVE प्रश्नोत्तरी भी रखी जाएगी, जिसमें प्रश्नों के सही जवाब देने पर इनाम भी रखे गए हैं।
नुक्कड़ नाटक द्वारा राज्य सरकार की जन कल्याण की योजना की जानकारी मिलेगी।
लाभार्थी को डिजिटल साक्षरता के लिए डिजिटल सखी बुकलेट का वितरण किया जाएगा।
लाभार्थी से इंटरेक्शन कर उनके मोबाइल में राज्य सरकार की एप्लीकेशन डाउनलोड की जाएगी।
अब इस स्कीम से जुड़े सवालों के जवाब जान लेते हैं....
ये शिविर कहां लगेंगे, कैसे पहुंचा जाए?
ज्यादातर शिविर ऐसे सरकारी स्कूल, पंचायत समिति कार्यालय या अन्य सरकारी भवनों में लगेंगे जहां कम से कम 5 कमरे हों और लोगों के इकट्ठे होने के लिए पर्याप्त स्थान हो। 30 जुलाई तक जिला कलेक्टर जगह तय कर लेंगे कि शिविर कहां लगेगा। एक बार जगह फिक्स होने के बाद विज्ञापनों के जरिए जगह के बारे में बताया जाएगा।
कलेक्टरों को हर ब्लॉक में एक शिविर का स्थान और शहरी क्षेत्र में 2 से 6 शिविरों के लिए जगह का चयन करना होगा।
शिविरों में बारिश और धूप का ख्याल रखा जाएगा। खुले एरिया में टेंट लगाए जाएंगे।
महंगाई राहत शिविरों की तर्ज पर इन्हें चलाया जाएगा। बस अंतर यही है कि मोबाइल बांटने के लिए लगे ये शिविर स्थायी होंगे।
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'जो मनचले लोग हैं, जो लड़कियों से साथ बद्तमीजी करते हैं, उनका इलाज करो। इनका नाम लिखो और आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड भेजो। मनचले लोग बहन-बेटियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं, हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।' मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चीफ सैक्रेटरी, डीजी पुलिस और अधिकारियों को ये मौखिक आदेश सोमवार रात कानून व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में दिए। सीएम गहलोत ने साफ कहा कि महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेड़छाड़ करने वालों को राजस्थान में अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। छेड़छाड़ करने वालों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में इसका उल्लेख ​किया जाएगा। ये युवा भर्ती परीक्षा में शामिल ही नहीं हो सकेंगे।
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