टीना डाबी ने सरकार को पत्र लिखकर अपने लिए की मातृत्व अवकाश की मांग
जयपुर: आईएएस अधिकारी और जैसलमेर की डीएम टीना डाबी जल्द ही मां बनने वाली हैं. कुछ ही देर में उनके घर में छोटे बच्चे की किलकारियां गूंजेंगी. टीना डाबी ने गवर्नमेंट को पत्र लिखकर अपने लिए मातृत्व अवकाश की मांग की है. आईएएस अधिकारी टीना डाबी और आईएएस अधिकारी प्रदीप गवांडे 22 अप्रैल को विवाह के बंधन में बंध गए. टीना डाबी की यह दूसरी विवाह है.
प्रेग्नेंट होने के बाद भी टीना डाबी अपनी जिम्मेदारियां भली–भाँति निभा रही हैं. अपनी यात्रा के दौरान उन्हें एक बूढ़ी स्त्री ने बेटे का आशीर्वाद दिया. जब स्त्री को पता चला कि टीना डाबी प्रेग्नेंट हैं। जिसके बाद टीना डाबी ने मुस्कुराते हुए उनसे बोला कि बेटी होना बेहतर होगा।
टीना डाबी ने वहां उपस्थित स्त्रियों को ये समझाने की प्रयास की कि लड़का और लड़की में कोई अंतर नहीं है। टीना डाबी गर्भवती हैं और अब उन्होंने मातृत्व अवकाश के लिए गवर्नमेंट को पत्र लिखा है. आइये जानते हैं मातृत्व अवकाश क्या है? इसमें कितने दिनों की छुट्टी दी जाती है और किन स्त्रियों को मातृत्व अवकाश मिल सकता है?
गर्भवती होने पर स्त्रियों को मातृत्व अवकाश दिया जाता है, जो स्त्रियों को जन्म से लेकर 6 महीने की उम्र तक बच्चे की देखभाल के लिए दिया जाता है.
मातृत्व अवकाश उन सभी गर्भवती स्त्रियों के लिए मौजूद है जो कामकाजी महिलाएं हैं. 6 महीने की छुट्टी उन लोगों को दी जाती है जिन्होंने 3 महीने से कम उम्र के बच्चे को गोद लिया है या गर्भवती हैं.
मातृत्व अवकाश के दौरान स्त्री को उसकी कंपनी द्वारा पूरा वेतन दिया जाता है. एक स्त्री को मातृत्व अवकाश प्रारम्भ होने वाले दिन से लेकर ख़त्म होने वाले दिन तक वेतन मिलता है.
गर्भवती महिलाएं भी एक महीने की रोग की छुट्टी ले सकती हैं. कानून ने उसे ऐसा करने का अधिकार दिया है। यदि कोई स्त्री गर्भावस्था के कारण बीमार है तो वह एक महीने की रोग की छुट्टी ले सकती है. इस दौरान उन्हें पूरा वेतन मिलता है।
मातृत्व फायदा संशोधन अधिनियम 2017 के तहत, सिर्फ वही महिलाएं इस छुट्टी का फायदा उठा सकती हैं, जिन्होंने पिछले एक साल में कम से कम 80 दिनों तक अपनी कंपनी में कर्मचारी के रूप में काम किया हो. मातृत्व फायदा (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अनुसार, गर्भवती स्त्री को 26 हफ्ते का मातृत्व अवकाश मिल सकता है.