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कोटा। वार्ड नम्बर 70 में कुन्हाड़ी में चम्बल पुलिया का निचला हिस्सा ,रिद्धी राज टावर, बूंदी सिलिका, बीजासन माताजी का मन्दिर, पुरानी कुन्हाड़ी व कूकडेश्वर महादेव मन्दिर का इलाका आता है। यहां के रहवासी सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं। वार्ड में टूटी सङकें, सीवरेज के खुले गड्ढे, लोहे के बिजली पोलों से बेजुबान जानवरों का काल का ग्रास बनना ,सफाई का अभाव, कचरा गाड़ी का मोहल्लों में न आना सहित अनेक समस्याओं से वार्डवासी जूझ रहे हैं। वार्ड वासियों ने बताया कि कुन्हाङी क्षेत्र के वार्ड वासी जितनी समस्याओं से जूझ रहे हैं , शायद ही इतनी समस्याएं कोटा क्षेत्र के किसी वार्ड में मिलेगी। सफाई कर्मी कोई हफ्ते में एक दो दफा सफाई करने आते हैं। औपचारिकता के तौर पर कचरे को इधर-उधर करके चलते बनते हैं। उनसे कहते हैं कि आप सरकारी कर्मचारी हो तन्ख्वाह मिलती है तो काम तो अच्छे से किया करो तो यह लोग अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगते हैं। कचरा गाङी आती है तो वो मुख्य सङक पर ही खड़ी कर देते हैं। अन्दर गली-मोहल्लों में गाड़ी आती ही नहीं व विशेष बात यह कि गाड़ी वाले कहते हैं इसमें कचरा नहीं डालना है। अब कचरा गाड़ी में मोहल्लेवासी कचरा नहीं डालेंगें तो कचरा कहां डालें यह भी समस्या बनी है।
मोहल्लें में नालियो की हालत इतनी बदतर है कि मलबे के चलते मोहल्ला बदबू से सना रहता है। सीसी सड़कें जगह-जगह से जर्जर हैं। जिससे वाहनों की आवा-जाही बाधित बनी रहती है। वहीं रिद्धीराज टावर के समीप लोहे के बिजली पोल लगे होेने से इससे चार-पांच बन्दर करंट की चपेट में आकर काल का ग्रास बन चुके हैं। कई मर्तबा कबूतर भी करंट की चपेट में आकर मर चुके हैं। इसको लेकर मोहल्लेवासियों ने बिजली विभाग को लिखित में भी दिया कि इसकी जगह सीमेंट के पोल लगा दो ताकि बेजुबान जानवरों के साथ हादसे ना हों, पर आज तक इसको लेकर बिजली विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। मोहल्लें के लोगो ने कहा कि यहां सीवरेज के गड्ढे खुले पड़े हैं,जिससे कई बार वाहन चालकों के साथ हादसे हो चुके हैं। सीवरेज गड्ढों पर जालियां नहीं लगाई जा रही। कुन्हाड़ी वार्ड की तकरीबन छह हजार से ज्यादा आबादी है, पर विकास को लेकर यहां सब कुछ जीरो है।
मेरी चाय नाश्ते की होटल है जिससे सटकर विद्युत पोल डीपी लगी है। हमें हर समय इससे करंट प्रवाह का खतरा बना रहता है। बारिश में तो इसके चलते हालत ज्यादा डरावने हो जाते हैं न जाने कब किसी ग्राहक के साथ हादसा हो गया तो कौन जवाब देह होगा।
कुन्हाङी वार्ड़ में विकास को लेकर कुछ भी सुधार नहीं है। नालियों में मलबा,सफाई का अभाव,मोहल्लें की टूटी-फूटी सङकों सहित गली-मोहलों में कचरे का अम्बार व आवारा मवेशियों का विचरण परेशानी बने हैं।
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