जयपुर: गुलाबी नगरी ऐतिहासिक इमारतों और संग्रहालयों के सालों पुराने इतिहास हो संजाए हुए है। यही कारण है कि यहां हर साल लाखों देसी और विदेशी पर्यटक आते हैं। यहीं नहीं अब शेर, बघेरे, बाघ सहित अन्य वन्यजीवों को देखने की ललक भी वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व में पर्यटक बघेरे, जरख सहित अन्य वन्यजीव देखते हैं तो वहीं दूसरी ओर हाथी गांव और आमेर महल में हाथी सवारी का लुत्फ उठा रहे हैं। वहीं नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित लॉयन सफारी में शेरों को देखने का मौका मिल रहा है। कहा जाए तो जयपुर देश की पहली सिटी कही जा सकती है जहां पर्यटकों को करीब 30 किमी की परिधि में 5 सफारी करने का मौका मिल रहा है। अब जल्द ही पर्यटकों को यहां टाइगर सफारी करने का मौका मिलेगा।
आम नहीं खास भी आते हैं यहां:
झालाना लेपर्ड रिजर्व में लेपर्ड देखने की चाह आम ही नहीं, बल्कि खास को भी आकर्षित करती है। यहां बॉलीवुड सेलिब्रिटीज में अब तक अभिनेता अर्जुन रामपाल, रितेश देशमुख, संजय दत्त, फराह खान, जेनेलिया देशमुख, रवीना टंडन, तनीषा मुखर्जी आ चुके हैं।
सफारी में 3 लॉयन: नाहरगढ़ जैविक उद्यान स्थित लॉयन सफारी में दो मादा शेरनी तारा-सृष्टि और नर शेर त्रिपुर को देख पर्यटक रोमांचित हो जाते हैं।
झालाना में 40 से अधिक लेपर्ड:
रेंजर जनेश्वर चौधरी ने बताया कि झालाना लेपर्ड रिजर्व में इनकी संख्या करीब 40 से अधिक है। यहां सबसे फेमस नर लेपर्ड बहादुर, राणा, कजोड़, शिंबा है। वहीं मादा में जलेबी, फ्लोरा, मिसेज खान है जो सफारी के दौरान पर्यटकों को अच्छी साइटिंग देती हैं। वहीं दूसरी ओर आमागढ़ लेपर्ड सफारी में अभी लेपर्ड्स की संख्या 12 से 15 के बीच है।
यहां हाथी सवारी का है क्रेज:
गुलाबी नगरी आने वाले पर्यटकों में हाथी सवारी का भी क्रेज देखते ही बनता है। पर्यटक आमेर महल में हाथी स्टेण्ड से जलेब चौक तक हाथी सवारी का लुत्फ उठाते हैं तो वहीं दूसरी ओर हाथी गांव में भी हाथी सवारी करने का मौका मिलता है। हाथी गांव में तकरीबन 70 से अधिक हाथी रहवास कर रहे हैं।