मुकुंदरा के जंगलों में खो गई टाइगर सफारी, लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश की नहीं की पालना
कोटा: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक साल बाद भी टाइगर सफारी शुरू नहीं हो सकी। न ही वाहनों का इंतजाम किया जा सका। मुकुंदरा प्रशासन को न तो पर्यटन बढ़ाने में दिलचस्पी है और न ही लोकसभा अध्यक्ष के निदेर्शों की परवाह है। गत वर्ष एक अक्टूबर से सफारी शुरू की जानी थी। जिसकी डेट लाइन खत्म हुए तीन माह बीत गए लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए। हालात यह हैं, मुकुंदरा में सफारी कब शुरू होगी, इसका जवाब सीसीएफ व डीएफओ के पास भी नहीं है। सितम्बर 2022 में पर्यटकों को जंगल की सैर करवाने के लिए तीन जिप्सी मालिकों ने आवेदन किए थे लेकिन विभाग अब तक उनका रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवा सका। दरअसल, स्पीकर ओम बिरला ने गत वर्ष दिल्ली में आयोजित बैठक में वन विभाग को मुकुंदरा में गत एक अक्टूबर से टाइगर सफारी शुरू करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद विभाग ने सफारी के लिए रिजर्व के चार रूट तय किए थे। प्रत्येक रूट पर 4 जिप्सियों की जरूरत है। ऐसे में 4 रूट पर 16 गाड़ियों की आवश्यकता है। जबकि, अभी तक मात्र 3 ही जिप्सी मालिकों ने ही वाहन चलाने के लिए आवेदन किए थे। जिसके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई।
बफर जोन के 4 रूटों पर शुरू की जानी है सफारी
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बफर जोन में ईको-टूरिज्म का संचालन किया जाना है। इसके लिए वन विभाग ने 4 रूट तय किए हैं। इनमें बोराबांस रेंज में बंधा-बग्गी रोड, अखावा-बलिंडा-बंधा, दूसरा रूट कोलीपुरा रेंज में नागनी चौकी पोस्ट, कालाकोट-दीपपुरा घाटा-कान्या तालाब-नागनी चौकी पोस्ट, तीसरा रूट मंदरगढ़ में बेरियर-मंदरगढ़, तालाब-केशोपुरा-रोझा तालाब होते हुए मंदरगढ़ बेरियर और चौथा रूट दरा रेंज में मौरूकलां-बंजर-रेतिया तलाई-पटपडिया-सावनभादौ एरिया शामिल है। इन क्षेत्र में पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ ले सकेंगे। इसके अलावा चंबल घड़ियाल अभयारण्य और रथकांकरा रेंज में भी पर्यटन रूट खोलने की स्वीकृति दी जाने की जानकारी है।
तय रूट पर नहीं लगाए साइन बोर्ड
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 22 मार्च 2022 को दिल्ली में आयोजित बैठक में वन अधिकारियों को जल्द से जल्द एमएचटीआर में टाइगर सफारी शुरू करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद वन विभाग ने मुकुंदरा प्रशासन को रूट तय करने के आदेश दिए। इस पर अधिकारियों ने रूट तो तय कर दिए लेकिन सफारी शुरू करने को लेकर वाहनों का इंतजाम नहीं किया गया। साथ ही तय रूटों पर साइन बोर्ड, गाइड सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए प्रयास तक नहीं किए। हालात यह हैं, 4 रूट पर 16 वाहनों की आवश्यकता है, जिसका इंतजाम एक साल बाद भी नहीं किया गया। इधर, मुकुंदरा डीएफओ व सीसीएफ सफारी कब शुरू होगी, इसकी जानकारी न होने का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
सालभर बाद भी जिप्सियों के नहीं हुए रजिस्ट्रेशन:
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को जंगल सफारी कराने के लिए सितम्बर 2022 में तीन जिप्सी मालिकों ने आवेदन किया था। जिनके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी नहीं होने से सफारी की शुरुआत नहीं हो सकी। वहीं, मुकुंदरा अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि एक साल बीतने के बाद भी शेष 13 वाहनों का इंतजाम तक नहीं कर सका। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए नए साल में भी सफारी के शुरू होने पर भी संशय है।
16 वाहनों की जरूरत, 3 ही आए आवेदन
मुकुंदरा में टाइगर सफारी शुरू करने के लिए 16 वाहनों की जरूरत है, लेकिन अभी तक 3 ही जिप्सी मालिकों के ही आवेदन किए हैं, जिनके एक साल बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुए। विभाग ने ओपन टेंडर निकाले थे, जिसके तहत नई गाड़ियां खरीदने की बजाए ठेके पर ही वाहनों का इंतजाम करना है। सफारी के लिए खुली गाड़ियों की डिमांड की जा रही है, उनमें जिप्सी पहली प्राथमिकता है। वहीं, इस तरह के अन्य वाहनों की कीमत 16 लाख हैं, ऐसे में कोई भी यहां महंगी गाड़ियां नहीं लगाना चाहता।
पांच वर्ष से अधिक पुराने नहीं होंगे वाहन
जंगल सफारी के लिए उपलब्ध वाहन पांच वर्ष से अधिक पुराने नहीं होंगे। प्रीमियम वाहन के लिए यह अवधि 7 वर्ष की रहेगी। राजस्थान में पंजीकृत वाहनों को ही सफारी के लिए पंजीकृत किया जाएगा। इन वाहनों के रंग भी पर्यावरण के अनुकूल होंगे।
सफारी को लेकर डीएफओ बीजो रॉय से सवाल-जवाब
- 2022 में सफारी शुरू होनी थी, जो अब तक क्यों शुरू नहीं हुई?
सफारी शुरू करने के लिए 16 वाहनों की आवश्यकता है, जिसके मुकाबले अभी तक 3 जिप्सी मालिकों ने ही आवेदन किए है, जिनके भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी नही हो सकी।
-सफारी शुरू करने में क्या समस्या आ रही है?
पर्यटकों को जंगल की सैर कराने के लिए गाड़ियों की उपलब्धता न होना ही सबसे बड़ी समस्या है।
-मुकुंदरा में सफारी कब शुरू होगी और वाहनों के रजिस्ट्रेशन में क्या दिक्कत है?
सफारी कब शुरू होगी, यह मैं नहीं कह सकता। रही बात वाहनों के रजिस्ट्रेशन की तो इसका जवाब सीसीएफ से लिया जा सकता है।
-सफारी शुरू होती है तो टिकट दर क्या रहेगी?
जब सफारी शुरू होगी तब इसके बारे में निर्णय किया जाएगा।
-सफारी कितनी पारी में करवाई जाएगी?
यहां भी रणथम्भौर टाइगर रिजर्व जैसा ही सुबह-शाम का शेड्यूल रहेगा।
- गाइड की नियुक्ति को लेकर क्राइट एरिया क्या रहेगा?
इसका जवाब सीसीएफ से लिया जा सकता है।
सीसीएफ एसपी सिंह ने नहीं दिए इन सवालोें के जवाब
1. मुकुंदरा में टाइगर सफारी एक साल बाद भी क्यों शुरू नहीं हुई?
2. पिछले साल 28 सितम्बर तक सफारी के लिए तीन ही जिप्सी मालिकों ने आवेदन किया था, जिनकी अब तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं हुई?
3. रजिस्ट्रेशन कम्पलीट नहीं होने के पीछे क्या वाहन मालिकों में किराया को लेकर कोई विवाद है?
4. मुकुंदरा में कब तक शुरू होगी टाइगर सफारी
5. गाड़ियों के इंतजाम के लिए आपकी ओर से क्या प्रयास किए गए?
सफारी को लेकर यह की जानी है व्यवस्था
दिव्यांगों के लिए विशेष वाहन की व्यवस्था
रिजर्व क्षेत्र में पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए प्रत्येक पारी में 16 वाहन उपलब्ध रहेंगे। इनमें से 20 प्रतिशत वाहन 50 लाख रुपए से अधिक कीमत वाले प्रीमियम श्रेणी के होंगे। दिव्यांगों के लिए भी एक विशेष वाहन की व्यवस्था की जाएगी।