राजस्थान

गांव में तीन बच्चों की जिंदा जलने से मौत

Admin4
9 Feb 2023 2:14 PM GMT
गांव में तीन बच्चों की जिंदा जलने से मौत
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टोंक। टोंक मानव तस्करी रोधी इकाई व चाइल्ड लाइन की टीम ने लावारिस हालत में मिले मंदबुद्धि बच्चे को बुधवार को बाल कल्याण समिति सदस्यों के समक्ष पेश किया. बच्चा अपने परिजनों के बारे में कुछ नहीं बता पा रहा है। चाइल्ड लाइन टीम की पूनम जोनवाल ने बताया कि मंगलवार की रात देवली बस स्टैंड पर एक मंदबुद्धि बुआ लावारिस हालत में घूमता मिला, जो अपना नाम-पता नहीं बता पा रहा था. उसकी उम्र करीब 15 साल है।
देवली पुलिस ने उसके हवाले करने के बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन को सूचना दी थी। चाइल्ड लाइन टीम से यूनिट प्रभारी ब्रजमोहन देवराज के अलावा हेड कांस्टेबल रामसहाय, रमेश चावला, रिंकू शर्मा, राहुल गजरा व निसार अहमद ने बाल कल्याण समिति सदस्य गौरव मधुकर व शेफाली जैन के समक्ष बच्चे को पेश किया. जोनवाल ने बताया कि बच्चे के परिजनों की तलाश की जा रही है ताकि बच्चे को उसके परिजनों के पास ले जाया जा सके. फिलहाल बच्ची फिलहाल बाल कल्याण समिति टोंक में है।बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर जिले के बांद्रा गांव में बाड़े में खेल रहे तीन मासूम बच्चे आग की चपेट में आने से जिंदा जल गए. घटना के वक्त परिजन आसपास नहीं थे। जब खेत पूरी तरह से आग की चपेट में आ गया तो परिजन व आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, तब तक तीनों बच्चों की झुलसकर मौत हो गई। मरने वालों में दो भाई-बहन हैं। घटना नागाना थाना क्षेत्र के बांद्रा गांव की है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया। इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत से दहशत फैल गई।
दरअसल हिंगलसिंह की मौत 4 साल पहले हो गई थी। ऐसे में हिंगोल सिंह की पत्नी 6 बच्चों के साथ बच्चों के चाचा के घर बांद्रा गांव में रह रही थी. मां खुद मानसिक रूप से बीमार है ऐसे में चाचा भी बच्चों की देखभाल कर रहे थे. बुधवार को तीन बच्चे घर से दूर बाड़े में खेलने गए थे। इस दौरान माचिस की तीली बच्चों के हाथ में लग गई। खेलते समय उन्होंने बाड़े में आग लगा दी। चंद मिनटों में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। बच्चे डर के मारे बाड़े से बाहर आने की बजाय उसके भीतरी कोने में छिप गए। इससे तीनों की मौत हो गई। घटना के समय परिजन एक शादी समारोह में गए हुए थे। ऐसे में समय रहते आग को किसी ने नहीं देखा। आग में छप्पर पूरी तरह जलकर खाक हो गया, जब तक आसपास के लोग मौके पर पहुंचते तब तक बच्चे जिंदा जल चुके थे। मृतकों में रुक्मा और अशोक दोनों सगे भाई-बहन हैं।
न दूध बेचने आया और न मवेशी चराने, शक होने पर पड़ोसी घर पहुंचे तो चारपाई पर मां-बेटे की पांच दिन पुरानी लाश पड़ी मिली. सिवाना के मावड़ी गांव में बुधवार को 75 वर्षीय मां और 45 वर्षीय बेटे का शव बिस्तर पर मिलने से सनसनी फैल गई. करीब 4-5 दिन पहले दोनों की मौत हो गई थी और जबरदस्त दुर्गंध आ रही थी। पुलिस ने दोनों के शवों का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा दिया है और मामले की जांच की जा रही है कि यह आत्महत्या है या हत्या. सूचना पर बालोतरा एएसपी व डीएसपी मौके पर पहुंचे। पुलिस के अनुसार रूप कंवर पत्नी भंवरसिंह और उसका पुत्र जगदेवसिंह पुत्र भंवरसिंह दोनों मावड़ी गांव में अकेले रहते थे. वह दूध का कारोबार करता है। इसके लिए एक दर्जन गाय-भैंस हैं। प्रतिदिन दूध निकालने के बाद पशुओं को आसपास के खेतों में छोड़ देते थे। अब पिछले कुछ दिनों से लोगों ने न तो जानवरों को देखा और न ही जगदेव और उनकी मां को। इस पर मोहल्ले के लोग उसके घर पहुंचे तो घर से तेज दुर्गंध आ रही थी। मां-बेटे के शव करीब 5-6 दिन पुराने हैं। इससे लाशों से इतनी बदबू आ रही थी कि करीब 50 मीटर की दूरी पर भी खड़ा होना मुश्किल हो रहा था. पुलिस और ग्रामीणों ने मास्क पहनकर और स्प्रे छिड़ककर दोनों शवों को बाहर निकाला और सिवाना ले आए। मृतक जगदेव सिंह अविवाहित था,
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