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राजस्थान: बीकानेर जिले से खाजूवाला और छत्तरगढ़ तहसील को अलग कर अनूपगढ़ जिले में सम्मिलित करने का विरोध अब उग्र होता जा रहा है. इस विरोध के चलते बीते 13 दिन से खाजूवाला कस्बे के बाजार पूरी तरह से बंद हैं. दोनों तहसीलों में 37 लोग दो दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं 5 दर्जन से अधिक लोगों ने धरना स्थल पर सामूहिक रूप से मुंडन करवाकर गहलोत सरकार के खिलाफ अपना रोष जता चुके हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है चाहे जो जाए वे अपनी मांग मनवाकर रहेंगे. मांगें नहीं माने जाने तक अनिश्चितकाल के लिए बाजार बंद कर दिए गए हैं.
आंदोलन के 13वें दिन शनिवार को आंदोलनकरियों ने फिर चक्का जाम किया. राजीव सर्किल पर बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. चक्का जाम के चलते बसों से आने वाले लोगों को पैदल ही चलना पड़ा. वहीं मेडिकल सेवाओं को भी आज बंद रखा गया है. संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार ग्रामीणों की सब्र का इम्तिहान ले रही है. आश्वासन के बाद भी अभी तक सरकार से कोई जबाब नहीं मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. समय रहते सरकार फैसला करे नहीं तो फिर ग्रामीण प्रशासन को ठप करेंगे.
धरना स्थल पर चरखा लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रही खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति ने अब आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी एक मांग है या तो खाजूवाला और छत्तरगढ़ को बीकानेर जिले में यथावत रखा जाए या फिर इनको मिलाकर नया जिला बनाया जाए. लेकिन दोनों क्षेत्रों को अनूपगढ़ जिले में किसी भी सूरत में नहीं सम्मलित किया जाए.
उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने हाल ही सूबे में 19 नए जिलों और तीन संभागों का गठन किया है. इसके लिए कई जिलों को तोड़ा गया है. बीकानेर के खाजूवाला और छत्तरगढ़ को भी इस जिले से काटकर नवगठित अनूपगढ़ जिले में शामिल किया गया है. इसके लिए इन क्षेत्रों के लोग कतई राजी नहीं है. लिहाजा वे आंदोलन पर उतर आए है. ऐसे हालात केवल यहीं नहीं है बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में इस तरह का विरोध हो रहा है.
Manish Sahu
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