भरतपुर। देशभर में आज करवा चौथ त्योहार मनाया जा रहा है। आज सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर रही हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर रही है। राजस्थान में भी करवा चौथ की धूम देखने को मिल रही है। भरतपुर के 'अपना घर आश्रम' में रहने वाली महिलाएं भी बड़ी करवा चौथ का ये पर्व मना रही हैं, लेकिन महिलाओं की कहानी थोड़ी अलग है। इनके इस त्यौहार में ख़ुशी से ज्यादा दर्द छिपा हुआ है। दरअसल, इस आश्रम में कुछ महिलाएं ऐसी रहती हैं जिनका या तो तलाक हो चुका है या फिर उनके पति ने दूसरी शादी कर ली हैं। लेकिन बावजूद इसके ये सभी महिलाएं आज भी अपने पति की सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत कर रही हैं। इन महिलाओं के संदर्भ में 'भला है बुरा है जैसा भी है मेरा पति मेरा देवता है' वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है।
महिलाएं निभा रही है अपना पतिव्रता धर्म
सच बेधड़क ने आज जब 'अपना घर आश्रम' का दौरा किया तो देखा कि, वहां रहने वाली महिलाएं करवा चौथ के पूजन की तैयारी में जुटी हुई थी और सभी ने अपने हाथों पर मेहंदी भी रचाई हुई थी। करवा चौथ का व्रत करने की तैयारी में जुटी ये वे महिलाएं हैं, जिनकी शादीशुदा जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटित हुई कि वे मानसिक कमजोरी का शिकार हुई और उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा। ऐसे में अब ये महिलाएं अपना घर आश्रम में रह रही हैं। पति से ये महिलाएं अलग जरूर हुई है लेकिन आज भी ये महिलाएं अपना पतिव्रता धर्म निभा रही हैं और करवा चौथ का व्रत कर उनकी सलामती की दुआ मांग रही हैं।
धूम-धाम के साथ मना रही महिलाएं ये त्योहार
आज ये सभी महिलाएं बड़ी ही धूम-धाम के साथ यह त्योहार मन रही हैं। सजने-संवरने और मेहंदी की रस्म के बाद सभी महिलाओं ने ढोलक की थाप पर जमकर नृत्य भी किया। वहीं, 'अपना घर' की संचालिका डॉक्टर माधुरी भारद्वाज का कहना है कि, 'इन महिलाओं में संस्कार और समर्पण इतना है कि वह आज भी परंपरानुसार करवा चौथ का व्रत रखकर पति के दीर्घायु होने की कामना कर रही हैं।