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हिंदू धर्म में पूर्वजों को विशेष स्थान दिया गया हैं कहते हैं अगर पितृगण प्रसन्न रहते हैं तो जातक को जीवन में सभी सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती हैं लेकिन अगर कुंडली में पितृदोष व्याप्त है तो जातक को कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता हैं।
ऐसे में अगर आप अपने पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं या फिर पितृदोष से शीघ्र मुक्ति चाहते हैं तो ज्योतिष में बताए गए कुछ उपायों को कर सकते हैं माना जाता हैं कि इन उपायों को करने से पितृगण प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और साधक के सभी कष्टों का अंत कर देते हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पितृगण को प्रसन्न करने व पितृदोष से मुक्ति के उपाय बता रहे हैं जो जीवन में सुख शांति और समृद्धि के साथ साथ तरक्की भी दिलाते हैं। तो आइए जानते हैं।
पितृदोष से मुक्ति—
अधिकतर लोग अपने घर के पूजन स्थल या अन्य कमरों में पितरों की तस्वीर को लगाते हैं लेकिन वास्तु और ज्योतिष अनुसार घर में मृत व्यक्ति की तस्वीर को हमेशा ही दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए। वास्तु अनुसार पितरों के लिए दक्षिण दिशा को शुभ माना गया हैं लेकिन भूलकर भी पितरों की तस्वीर को मंदिर, बेडरूम, ड्राइंग रूम या फिर रसोई में नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर परिवार पर इसका बुरा असर देखने को मिलता हैं।
वही पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितरों के निमित्त दक्षिण दिशा में दीपक जरूर जलाएं। इसके अलावा घर के प्रवेश द्वार को भी हमेशा साफ सुथरा रखें। कहते हैं कि घर में द्वार पर अगर गंदगी व कूड़ा रहता है तो इससे नकारात्मकता पैदा होती हैं जिससे जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा पितृदोष से मुक्ति के लिए आप गीता का सातवां पाठ जरूर करें ऐसा करने से पितरों को मोक्ष मिलता हैं।
Tara Tandi
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