जयपुर: कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार ने ओलावृष्टि, पाला और शीतलहर से रबी की फसल में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए हैं। अब तक 2 से 65 प्रतिशत तक फसल खराबा होने की सूचना है।
कटारिया सोमवार को विधानसभा में ओलावृष्टि, पाला और शीतलहर से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सरकार की ओर से वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में रबी फसल में 109 लाख 55 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार गेहूं की फसल के 29 लाख 65 हजार हैक्टेयर बोए गए क्षेत्रफल में से लगभग 42 हजार हैक्टेयर, जौ फसल के 4 लाख 8 हजार हैक्टेयर बोए गए क्षेत्रफल में से 19 हजार हैक्टेयर, चना फसल के 20 लाख 57 हजार हैक्टेयर बोए गए क्षेत्रफल में से 2 लाख 25 हजार हैक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत तक खराबा हुआ है। इसी प्रकार सरसों व तारामीरा का कुल बोए गए 39 लाख 36 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 9 लाख 83 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक का खराबा हुआ है। इसी तरह सब्जियां एवं उद्यानिकी फसलों के कुल बोए गए 15 लाख 89 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 लाख 22 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 60 प्रतिशत तक खराबा हुआ है।
इन जिलों में हुआ ज्यादा खराबा
मंत्री ने बताया कि यह खराबा प्रमुख रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, जयपुर, जालोर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर, भरतपुर, पाली, अजमेर, जोधपुर और प्रतापगढ़ में हुआ है।