राजस्थान

Ajmer दरगाह को लेकर कल सिविल कोर्ट में होगी सुनवाई

Tara Tandi
19 Dec 2024 10:24 AM GMT
Ajmer दरगाह को लेकर कल सिविल कोर्ट में होगी सुनवाई
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Ajmer अजमेर: अजमेर दरगाह को लेकर लगाई गई याचिका पर कल शुक्रवार को सिविल कोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान कोर्ट में तीन पक्षकार अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग) कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। इन तीनों को कोर्ट की ओर से नोटिस भेजा गया था।
दरअसल, हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह में अजमेर दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया था। गुप्ता ने रिटायर्ड जज हरबिलास सारदा की 1911 में लिखी किताब 'अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए कोर्ट में
याचिका दायर की थी।
दरगाह को लेकर हिंदू पक्ष के तीन दावे
हिंदू सेना के तीन वकीलों में से एक, वकील योगेश सुरोलिया ने कहा कि कानूनी टीम ने अदालत को पूर्व न्यायिक अधिकारी और शिक्षाविद हरबिलास शारदा की 1911 की पुस्तक अजमेर: हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव की एक प्रति सौंपी, जिसमें पहले से मौजूद अवशेषों का उल्लेख है। इस स्थान पर स्थित शिव मंदिर का उपयोग दरगाह के निर्माण में किया गया था।
वकील राम स्वरूप बिश्नोई ने कहा, हमने अदालत को सूचित किया कि मंदिर को ढहाए जाने तक वहां लगातार धार्मिक अनुष्ठान होते रहे।
तीसरे वकील, विजय शर्मा के अनुसार दरगाह के गुंबद में मंदिर के टुकड़े हैं और तहखाने में एक पवित्र गर्भ गृह मौजूद है।
विष्णु गुप्ता को सिर कलम करने की धमकी
अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को जान से मारने की धमकी भी मिली थी। धमकी देने वाले ने फोन पर कहा कि तेरा सिर कलम कर दिया जाएगा, तूने अजमेर दरगाह का केस फाइल करके बहुत बड़ी गलती कर दी। गुप्ता को दो अलग-अलग नंबरों से धमकी दी गई। इनमें से एक कॉल कनाडा और दूसरा भारत से आया था। धमकी के बाद गुप्ता ने नई दिल्ली के बाराखंबा थाने में केस दर्ज कराया था।
मामले पर किसने क्या कहा?
दरगाह मामले पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का भी बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था- पहले मस्जिद और अब अजमेर शरीफ जैसी मुस्लिम दरगाहों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे खून खराब हो सकता है।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि 800 साल पुरानी दरगाह में मुस्लिम और हिंदू भी आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से दरगाह पर चादर चढ़ाई जाती है। एक तरफ पीएम यहां चादर चढ़ा रहे हैं और दूसरी तरह उनकी पार्टी के लोग कोर्ट में केस कर भ्रम पैदा कर रहे हैं... तो एक कौम के लोग क्या सोचते होंगे।
राजस्थान के मंत्री मदन दिलावर का कहा था कि ''मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा, इस पर फैसला कोर्ट करेगा लेकिन यह सच है कि औरंगजेब और बाबर ने ज्यादातर मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनवाई हैं। जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।
दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन ने कहा था कि दरगाह का इतिहास 800 साल पुराना है। उस जमाने में यहां कच्चा मैदान था और उसके अंदर उनकी कब्र थी। अब खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि वह भी कच्ची होगी। 150 साल तक वहां बिल्कुल भी पक्का कंस्ट्रक्शन नहीं था तो उसके नीचे मंदिर कहां से आ सकता है।
सचिन पायलट ने कहा था- कुछ ताकतें मुद्दों से ध्यान हटाकर समाज के बीव तनाव पैदा करना चाहती हैं। बच्चे बेरोजगार हैं, उन्हें नौकरी मिल नहीं रही और यह लोग मस्जिदों की खुदाई के लिए लगे हैं। अगर, ऐसी मुहिम छेड़ दी जाएगी तो इसका कोई अंत नहीं है।
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