राजस्थान

एकता में है शक्ति... इस गांव के 99 फीसदी लोगों ने शराबबंदी पर लगाई मोहर

Ritisha Jaiswal
1 May 2022 2:02 PM GMT
There is power in unity... 99 percent of the people of this village put a stamp on prohibition
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एकता में शक्ति है...और इसके दम पर बड़े से बड़ा काम कराया या फिर किया जा सकता है।

एकता में शक्ति है...और इसके दम पर बड़े से बड़ा काम कराया या फिर किया जा सकता है। जरूरत होती है तो सिर्फ एक सही दिशा की, जिस पर चलकर हम अपनी बात लोगों को समझा सकें। पाली जिले के अरावली में आने वाले गांव फुलाद की महिलाओं और युवाओं ने यह साबित करके दिखा दिया। आईए आपको बताते हैं कि आखिर यहां ऐसा क्या हुआ है, जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है।

दरअसल, अरावली के फुलाद गांव में नशा मुक्ति को लेकर अभियान चलाया जा रहा था। युवाओं की पहल, महिलाओं की जागरूकता और ग्रामीणों के जज्बे से गांव को शराबबंदी का तगमा मिल गया है। गांव को नशा मुक्त करने और शराब की बिक्री को रोकने के लिए यहां मतदान कराया गया। यह मतदान प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
गांव के 3485 मतदाताओं में से 2664 ने वोट दिया। मतदान का परिणाम सामने आया तो सभी हैरान रह गए। यहां पड़े 2664 वोट में से 2623 यानी 99.21% ग्रामीणों ने शराबबंदी के समर्थन में वोट दिया। परिणाम आते गांव के ज्यादातर लोग खुशी से नाचने लगे। ढोल और थालियों की गूंज के बीच आतिशबाजी की गई और महिलाएं मंगल गीत भी गाए।
खुशी में डूबे ग्रामीणों ने एक दूसरे को गुड़ की मिठाई खिलाकर शराब बंदी की बधाई दी। बता दें कि यह जिले का दूसरा गांव है जहां पर शराबबंदी हुई हैं। फुलाद गांव में शराब का चलन कई साल से चला आ रहा था। इसके कारण यहां अपराध और घरेलू हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे थे।
पंचायत समिति के सदस्य राजेंद्र सिंह रावत की अगुवाई में एक मुहिम शुरू की गई। इसमें सबसे पहले युवाओं को जोड़ा गया और फिर घर-घर जाकर लोगों को शराब के नुकसान बताए गए। गांव में बैठक कर शराबबंदी के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला कलेक्टर को भेजा गया। इसके बाद उच्च स्तरीय आदेश पर शराबबंदी को लेकर मतदान करवाया गया। जिसका फैसला ज्यादातर ग्राीमणों के पक्ष में रहा।


Ritisha Jaiswal

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