राजस्थान

गौशाला में पशुओं के घूमने की नहीं हैं पर्याप्त जगह

Admin4
21 Nov 2022 2:04 PM GMT
गौशाला में पशुओं के घूमने की नहीं हैं पर्याप्त जगह
x
कोटा। शहर में सड़कों पर लावारिस हालत में घूम रहे पशुओं को निगम की गौशाला में रखने के लिए वहां पर्याप्त जगह तक नहीं है। यहां तक कि पशुओं को घूमने की जगह तक नहीं मिल पा रही है। जिससे उनकी मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है। नगर निगम की गौशाला के प्रभारी और कोटा दक्षिण निगम के राजस्व अधिकारी दिनेश शर्मा ने गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह के साथ शनिवार को निगम की बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला का निरीक्षण की वहां की व्यवस्थाओं को देखा। नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व जिला कलक्टर ओ.पी. बुनकर ने गत दिनों निगम व न्यास अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें उन्हें शहर को कैटल फ्री बनाने के लिए पशुओं को पकड़कर गौशाला में भेजने के निर्देश दिए थे। यह अभियान शुक्रवार से चालू होना था। लेकिन निगम की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने निगम अधिकारियों को अवगत कराया कि पहले गौशाला की व्यवस्थाओं में सुधार तो किया जाए। वहां पहले से ही करीब 2 हजार गौवंश है। जिन्हें ही रहने व घृमने की जगह नही मिल पा रही है। ऐसे में घेरा डालकर नए पशुओं को यहां लाकर कैसे रखा जा सकेगा। उन्होंने अधिकारियों से गौशाला का निरीक्षण करने का आग्रह किया था।
जितेन्द्र सिंह ने बताया कि आयुक्त राजपाल सिंह की तबीयत ठीक नहीं होने से वे गौशाला नहीं जा सके। जबकि गौशाला प्रभारी दिनेश शर्मा को साथ ले जाकर उन्होंने वहां की व्यवस्थाएं दिखाई। सिंह ने बताया कि बीमार गायों को एक बाड़े में रखा जाए। सांडों के लिए अलग से बाड़ा बनाकर उसकी चार दीवारी को ऊंचा कराया जाए। पशुओं को घूमने के लिए नए बाड़े बनाए जाएं। साथ ही एक पशु के लिए खड़े होकर चारा खाने की करीब 3 फुट की जगह तो होनी चाहिए। चारा व भूसा खाने के लिए खेल की भी पर्याप्त जगह बनाई जाए। इतना सब कुछ करने के बाद ही नए पशुओं को गौशाला में लाया जाए। सिंह ने बताया कि यदि कलक्टर के दबाव में बिना व्यवस्थाएं किए नए पशु गौशाला में लाए गए तो वे धरना देने को मजबूर होंगे। सिनह ने बताया कि गौशाला में पशुओं को भूसा व हरा चारा तो खिलाया जाता ही है। हरा चारा काफी समय से नहीं आ रहा है। जिसके अगले महीने से आने की संभावना है। लेकिन सर्दी शुरू होने के साथ पशु आहार में बदलाव किया है। मौसम के हिसाब से अब पशुओं को नियमित भूसे के साथ ही दलिया, जवार, बाजरा,मक्का, चूरी व गुड़ देना शुरू किया है। जिससे पशु स्वस्थ रह सके। इधर गौशाला प्रभारी दिनेश शर्मा का कहना है कि गौशाला में जो भी कमियां है या समिति अध्यक्ष ने सुधार के सुझाव दिए हैं। उन्हें पृरा किया जाएगा। साथ ही जिला कलक्टर के आदेश की भी पालना की जाएगी।
(जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।)
न्यूज़ क्रेडिट : dainiknavajyoti
Next Story