स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में नहीं है रेडिएशन फिजिसिस्ट छह महीने से धूल फांक रही गामा मशीन
जयपुर: प्रताप नगर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक और बेहतर इलाज देने के उद्देश्य से एक साल पहले लगाई गई दो करोड़ रुपए की गामा मशीन करीब छह महीने से धूल फांक रही है। इसकी वजह इंस्टीट्यूट में फिलहाल रेडिएशन फिजिसिस्ट का नहीं होना है। ऐसे में इंस्टीट्यूट में आने वाले मरीजों की जांच और रेडिएशन नहीं हो पा रही है। जानकारी के अनुसार इंस्टीट्यूट में एक साल पहले जब मशीन इंस्टॉल की गई थी तब वहां रेडिएशन फिजिसिस्ट कार्यरत था, लेकिन छह महीने बाद ही उस फिजिसिस्ट का तबादला एसएमएस अस्पताल में कर दिया। ऐसे में अब करीब छह महीने से गामा मशीन से जांच और रेडिएशन देने वाला एक्सपर्ट कोई नहीं है। ऐसे में कैंसर रोगियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जब तक यहां एक्सपर्ट को नहीं लगाया जाता तब तक करोड़ों की मशीन पर धूल ही जमती रहेगी।
यह है मशीन की खासियत
गामा मशीन कैंसर रोगियों के लिए वरदान की तरह है। इसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपए है और इससे कैंसर के अंदर तक के हिस्सों का पता लगा रेडिएशन देना आसान हो जाता है। यह सबसे बेहतर कैंसर जांच मशीन मानी जाती है। इसमें मरीज को लेटाकर रेडिएशन दिया जाता है। ब्रेन, लिवर, लंग्स और गॉल ब्लेडर के कैंसर वाले मरीजों के लिए यह मशीन किसी वरदान से कम नहीं है।
करीब एक साल पहले इंस्टीट्यूट में गामा मशीन लगाई थी और मरीजों को इसका फायदा भी मिल रहा था। करीब छह महीने पहले यहां से रेडिएशन फिजिसिस्ट का तबादला एसएमएस अस्पताल में कर दिया था। अब यहां कोई रेडिएशन फिजिसिस्ट नहीं होने से फिलहाल मशीन को काम में नहीं लिया जा रहा है।
-डॉ. संदीप जसूजा, अधीक्षक, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट प्रताप नगर जयपुर