राजस्थान
Madhya Pradesh में टेक्सटाइल उद्योगों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है: राजेश राठौड
Gulabi Jagat
16 Jun 2024 5:12 PM GMT
x
भीलवाड़ा Bhilwara। औद्योगिक विकास के लिए मूलभूत आवश्यकताएं जमीन, पावर एवं पानी मध्यप्रदेश में प्रचुरता से उपलब्ध है। पिछले तीन वर्षो में राज्य में 9040 एकड़ भूमि पर 27 नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये गये है। इसके अतिरिक्त धार में पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है। मध्यप्रदेश में 29 हजार मेगावॉट पावर उपलब्ध है और एक हजार मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक पानी उद्योगों के लिए आरक्षित किया गया है। राज्य में विद्युत की दरें अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है। महाराष्ट्र में 8.70 रुपये प्रति यूनिट, कर्नाटक में 7.40, गुजरात 7.20 के मुकाबले हमारे यहां विद्युत दर 6.90 रुपये प्रति युनिट है। धार में पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क में विद्युत 4.50 रुपये प्रति युनिट से ही उपलब्ध करायी जाएगी। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल उद्योग को औद्योगिक विकास के लिए थ्रस्ट सेक्टर ही नही प्रमुख सेक्टर माना गया है।Bhilwara
भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग Bhilwara Textile Industry का बड़ा केन्द्र है एवं यहां की औद्योगिक इकाईयों का विस्तार चित्तौडगढ जिले में भी है। चित्तौड़ से समीपवर्ती नीमच, मंदसौर, रतलाम में टेक्सटाइल एवं रेडीमेड गारमेन्ट कलस्टर विकसित किये गये है। इस तरह मध्यप्रदेश में राजस्थान से समीपवर्ती क्षेत्र में टेक्सटाइल उद्योगों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। यह बात मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम Madhya Pradesh Industrial Development Corporation के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड ने आज मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री में उद्यमियों को इन्वेस्टर ऑउटरीच सेमीनार को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि रेडीमेड गारमेन्ट एएवं अपेरेल सेक्टर का भी तेजी से विकास हो रहा है। बच्चों के लिएए रेडीमेड गारमेन्ट निर्माण में मध्यप्रदेश पहला स्थान रखता है। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में नये रेडीमेड कलस्टर विकसित किये जा रहे है। रेडीमेड गारमेंट के लिए प्रशिक्षित श्रमिक उपलब्ध है। राज्य में इस क्षेत्र में 60 से 80 प्रतिशत महिला श्रमिक कार्यरत है।
अन्य सेक्टर के लिए दो प्लास्टिक पार्क एवं एक लेदर एवं फुटवियर पार्क भी स्थापित किये गये है। टेक्सटाइल एवं अपेरेल सेक्टर के लिए विशेष वित्तीय सहायता योजना भी घोषित की है। आप मध्य प्रदेश में भूमि लिजिए, कार्य प्रारम्भ कर दीजिए, तीन वर्ष तक या उत्पादन चालू होने तक आपको किसी भी विभाग के पास क्लिरेंस के लिए जाने की आवश्यकता नहीं है। राज्य में वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत 40 प्रतिशत तक पूंजीगत अनुदान एवं 5-7 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान सात वर्ष के लिए दिया जा रहा है। निर्यात की दृष्टि से राज्य में 6 इण्डलेण्ड कंटेनर डिपो स्थापित है, जो कि सभी प्रमुख बन्दरगाहों से रेल मार्ग से जुडे है। औद्योगिक विकास की दृष्टि से दिल्ली-नागपुर, दिल्ली-मुंबई, वाराणसी-मुंबई हाईवे के साथ इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किये जा रहे है। कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के मैनेजर सरस सुहाने एवं अन्य अधिकारी प्रखर मिश्रा, नितिन श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। चैम्बर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आरसी लोढा, संयुक्त सचिव सुमित जागेटिया, कोषाध्यक्ष एस के सुराना ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विनोद मेहता, अतुल यादव, साबिर मोहम्मद, ललित जैन, पी आर तोतला, आर पी बल्दवा, पी माहेश्वरी, हेमन्त मानसिंहका, एस के जैन सहित कई उद्यमी उपस्थित थे।
TagsMadhya Pradeshटेक्सटाइल उद्योगराजेश राठौडTextile IndustryRajesh Rathodजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
![Gulabi Jagat Gulabi Jagat](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/03/14/1542630-c76cdf9c-3b9f-4516-be18-f703e9bac885.webp)
Gulabi Jagat
Next Story